प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे विश्वस्त माने जाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल का कद और बढ़ गया है। जिम्मेदारियों में हुए बड़े बदलाव के बाद अब एनएसए डोभाल को स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप (सामरिक नीति समूह) यानी एसपीजी का मुखिया बना दिया गया है। अब एसपीजी की अगुवाई कैबिनेट सचिव की जगह एनएसए करेंगे और कैबिनेट सचिव उन्हें रिपोर्ट करेंगे। नई जिम्मेदारी मिलने के बाद डोभाल देश के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह बन गए हैं। 

डोभाल का पद इसलिए 'शक्तिशाली' माना जा रहा है, क्योंकि स्ट्रैटिजिक पॉलिसी ग्रुप में नीति आयोग को भी शामिल कर लिया गया है। इसके सदस्यों में कैबिनेट सचिव, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, तीनों सेनाओं के प्रमुख, आरबीआई के गवर्नर, विदेश सचिव, गृह सचिव, वित्त सचिव और रक्षा सचिव शामिल हैं। इसके अलावा रक्षा उत्पादन एवं आपूर्ति विभाग के सचिव, रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार भी इस ग्रुप के सदस्य हैं। साथ ही राजस्व विभाग, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग के सचिव  तथा खुफिया ब्यूरो के प्रमुख भी इस पैनल में शामिल हैं। 

एनडीए के पहले कार्यकाल के दौरान बाहरी, आंतरिक और आर्थिक सुरक्षा के मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की मदद के लिए वर्ष 1999 में एसपीजी का गठन किया गया था। तब कैबिनेट सचिव को इसका प्रमुख बनाया गया था। पिछले महीने जारी अधिसूचना और 8 अक्टूबर को प्रकाशित गजट के अनुसार अब एनएसए एसपीजी के चेयरमैन होंगे। पहले इसमें 16 सदस्य होते थे और अब 18 सदस्य होंगे। इसमें कैबिनेट सचिव और नीति आयोग के उपाध्यक्ष को दो नए सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है।

गजट के अनुसार, जरूरत पड़ने पर अन्य मंत्रालयों एवं विभागों के प्रतिनिधियों को एसपीजी की बैठक में बुलाया जा सकता है। उनके निर्देश पर ही एसपीजी की बैठकें बुलाई जाएंगी। कैबिनेट सचिव इस समूह को फैसलों के कार्यान्वयन के लिए मंत्रालयों और राज्यों से समन्वय करेंगे। हाल ही में डोभाल को ने सामरिक थिंक टैंक डिफेंस प्लानिंग कमेटी का भी चेयरमैन बनाया गया था। यह थिंक टैंक राष्ट्रीय सैन्य एवं सुरक्षा रणनीति तैयार करने के साथ-साथ विदेशों से होने वाले रक्षा सौदों की भी प्लानिंग करेगा।