केशव ने कहा, 'अभी संसद में हमारे पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है। हर राम भक्त यह बात जानता है। अदालत जल्द ही इस मामले में अपना फैसला सुना देगी। लेकिन जिस दिन हमारे पास ताकत होगी, उस ताकत का सदुपयोग होगा, दुरुपयोग नहीं।'
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में राममंदिर के निर्माण को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर जरूरी हुआ तो केंद्र की भाजपा सरकार मंदिर के निर्माण के लिए संसद से कानून पास कराएगी। उन्होंने दावा किया कि राममंदिर के निर्माण के रास्ते में आ रही सभी बाधाएं जल्द ही दूर कर ली जाएंगी।
2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए महज नौ महीने का वक्त बचा है, ऐसे में राममंदिर का मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ रहा है।
केशव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, अगर मंदिर के निर्माण के सभी विकल्प नाकाम रहते हैं तो सरकार के पास संसद में विधेयक लाने के अलावा कोई चारा नहीं रह जाएगा।
देश की सत्ता का निर्धारण करने वाले उत्तर प्रदेश की राजनीति राम मंदिर के इर्दगिर्द घूमती रही है। ऐसे में सूबे के डिप्टी सीएम और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष का यह बयान कई मायनों में अहम हो जाता है। हालांकि भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं की ओर से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
मौर्य ने कहा, 'लोगों को भरोसा है कि इस मामले में जल्द ही सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाएगा। राममंदिर निर्माण की राह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाएंगी। या तो कोर्ट का फैसला जल्द आ जाएगा या फिर हम वार्ता से कोई समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। संसद में कानून पास करने का विकल्प भी खुला हुआ है।'
People have faith that SC's judgement will come soon & obstacles in the constructions of Ram Mandir will be removed. Either the judgement will come soon or we'll find a solution through dialogue. Third option of passing a law in the Parliament is also open: UP Dy CM KP Maurya pic.twitter.com/Cj5sQFjqWb
— ANI UP (@ANINewsUP) August 20, 2018
उन्होंने कहा, 'अभी संसद में हमारे पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है। हर रामभक्त यह बात जानता है। अदालत जल्द ही इस मामले में अपना फैसला सुना देगी। लेकिन जिस दिन हमारे पास ताकत होगी, उस ताकत का सदुपयोग होगा, दुरुपयोग नहीं।'
मीडिया से बात करते हुए मौर्य ने कहा, 'जब दोनों विकल्प समाप्त होंगे तो फिर हम तीसरे विकल्प की ओर बढ़ेंगे। लेकिन हम चाहते हैं कि अदालत इस पर जल्द से जल्द फैसला करे। राममंदिर कोई राजनीतिक पैंतरेबाजी नहीं है, यह हमारी आस्था का विषय है।'
उधर, केशव के बयान के बाद एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी भी इस बहस में कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा, 'एक राज्य के एक जिम्मेदार उपमुख्यमंत्री ऐसे समय इस तरह का उद्दंड और अप्रिय बयान देते हैं, जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। उन्हें इस भाषा में बात करने का कोई हक नहीं हैं। '
A responsible Deputy CM of a state govt makes such sort of atrocious & obnoxious statement, when the Ayodhya matter is pending in SC, he has no right to talk in this language: Assadudin Owaisi on UP Deputy CM KP Maurya's 'option of passing a law in Parliament is also open' pic.twitter.com/PMXYkn2QoP
— ANI (@ANI) August 20, 2018
उधर, भाजपा के बलिया से विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी कहा है कि सरकार जिस तरह एससी-एसटी एक्ट को लेकर बिल लाई है, उसे राममंदिर के लिए भी इसी तरह का बिल लाना चाहिए।
Last Updated Sep 9, 2018, 12:41 AM IST