भुवनेश्वर। कहते हैं कि राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। हर चुनावी दंगल में ऐसे नजारे देखने को मिल जाते हैं, जहां अपने को अपने ही चुनौती देते नजर आते हैं। इस बार ये नजारा उड़ीसा में देखने को मिल रहा है। जहां पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चिंतामणि ज्ञान सामंतराय के दो बेटे चुनावी दंगल में एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। इस दिलचस्प मुकाबले में कांग्रेस ने बड़े भाई रविंद्र नाथ ज्ञान सामंतराय को टिकट दिया तो बीजेपी ने उनके सामने उन्हीं के छोटे भाई मनोरंजन ज्ञान सामंतराय को चुनावी मैदान में उतार दिया।

ओडिशा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के बेटे हैं दोनों प्रत्याशी
गंजम जिले के चिकिटी विधानसभा क्षेत्र में 13 मई को मतदान होगा। जिसमें दोनाें भाई एक दूसरे के सामने चुनावी अखाड़े में जीतने की पुरजोर कोशिश में अभी से जुट गए हैं। इनके पिता चिंतामणि ज्ञान सामंतराय चिकिटी से ही 3 बार विधायक चुने जा चुके हैं। 2 बार निर्दलीय (1980 और 1995) और एक बार कांग्रेस के टिकट पर (1985) वह विधायक बने थे। बीजेपी से ताल ठोक रहे मनोरंजन वर्ष 20214 में कांग्रेस और 2019 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैँ। उनके बड़े भाई पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।

बीजू जनता दल ने पूर्व मंत्री के बेटे को दिया है टिकट
बीजू जनता दल ने राज्य की शहरी विकास मंत्री उषा देवी के बेटे चिन्मयानंद श्रीरूप देब को चिकिटी विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है, क्योंकि उषा देवी अपनी पुरानी समस्या के कारण इस बार चुनाव नहीं लड़ रही हैं। उषा देवी इस सीट से 5 बार चुनी जा चुकी हैं। 

पिता ने  बड़े बेटे का किया समर्थन
चिंतामणि द्यान सामंत्रे ने कहा कि खराब स्वास्थ्य के कारण वह चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे। हालांकि 84 वर्षीय इस दिग्गज नेता ने कहा कि वह कांग्रेसी हैं और भाजपा की नीतियों का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि मेरे छोटे बेटे का बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने का फैसला उसका अपना है। 

नबरंगपुर में एक दूसरे के खिलाफ  बुआ-भतीजे ठोक रहे ताल 
इनके अलावा 13 मई को होने वाले ओडिशा विधानसभा चुनाव में दक्षिणी ओडिशा का नबरंगपुर जिला बुआ और भतीजे के बीच लड़ाई का गवाह बनेगा। बुआ कौशल्या प्रधान को बीजद ने नबरंगपुर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है, जबकि उनके भतीजे दिलीप उसी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। 

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