राजीव कुमार सारदा चिटफंड घोटाले के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख थे। एसआईटी का गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया गया था। लेकिन सीबीआई का आरोप है कि राजीव कुमार ने इस घोटाले से जुड़े साक्ष्यों और गवाहों के बयान के साथ छेड़छाड़ की है। क्योंकि इस घोटाले में राज्य की सत्ताधारी टीएमसी के कई नेता शामिल थे। गौरतलब है कि सारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने लाखों लोगों को कथित तौर अच्छे रिटर्न का वादा कर 2500 करोड़ रूपये का चूना लगाया था।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी अफसर और आईपीएस अफसर राजीव कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राजीव कुमार को सीबीआई ने आज पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर में तलब किया है। क्योंकि राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक हाईकोर्ट ने हटा ली है। लिहाजा अब सीबीआई ने उनके घर पर नोटिस दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि सीबीआई उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है।
कोलकाता हाईकोर्ट ने कल शारदा चिटफंड मामले में राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा लिया है। जिसके बाद उनके गिरफ्तारी की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं। हालांकि सीबीआई ने फिलहाल उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया है। और इसके लिए सीबीआई की टीम ने राजीव कुमार के घर जाकर नोटिस दी है।
सीबीआई ने शनिवार को उनसे सीबीआई के दफ्तर में आने को कहा है। हालांकि कलकत्ता हाईकोर्ट ने सारदा चिटफंड मामले में राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटा दिया है लेकिन कोर्ट ने कहा कि अगर सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार करती है तो उसके लिए सीबीआई को गिरफ्तारी को सही ठहराना होगा।
राजीव कुमार सारदा चिटफंड घोटाले के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख थे। एसआईटी का गठन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद किया गया था। लेकिन सीबीआई का आरोप है कि राजीव कुमार ने इस घोटाले से जुड़े साक्ष्यों और गवाहों के बयान के साथ छेड़छाड़ की है। क्योंकि इस घोटाले में राज्य की सत्ताधारी टीएमसी के कई नेता शामिल थे।
गौरतलब है कि सारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने लाखों लोगों को कथित तौर अच्छे रिटर्न का वादा कर 2500 करोड़ रूपये का चूना लगाया था। इसके बाद कई लोग नेता को जेल भी जाना पड़ा था। चुनाव के दौरान राजीव कुमार को कोलकाता के पुलिस कमीशनर के पद से हटा दिया था।
हालांकि कुछ महीने पहले जब सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार करने उनके घर गई तो वहां पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गई थी। जिसके बाद इस मामले में राजनैतिक रंग ले लिया था। कई विपक्षी दलों ने इसे तूल दिया था और कोलकाता में रैली भी की थी।
Last Updated Sep 14, 2019, 8:26 AM IST