संसदीय लोकतंत्र में लोकसभा अध्यक्ष का पद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की ही तरह बेहद अहम माना जाता है। सत्तारुढ़ एनडीए ने राजस्थान के कोटा-बूंदी के सांसद ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष के तौर चुने जाने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव को 10 और पार्टियों का समर्थन हासिल है।
नई दिल्ली: इस बार की लोकसभा में अध्यक्ष के पद पर बूंदी-कोटा के सांसद ओम बिड़ला का मनोनीत होना सिर्फ औपचारिकता रह गई है। बीजेपी ने स्पीकर पद के लिए उनके नाम का प्रस्ताव दिया है। इस नोटिस को 10 और दलों का समर्थन हासिल है।
उनके नाम का प्रस्ताव खुद पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने किया। इस प्रस्ताव का समर्थन बीजू जनता दल (बीजद), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, अन्नाद्रमुक, नेशनल पीपुल्स पार्टी, मिजो नेशनल फ्रंट, लोजपा, जदयू और अपना दल जैसे राजनीतिक दलों ने किया।
ओम बिड़ला वरिष्ठ नेता हैं। वह 2003 से 2013 तक पूरे दस साल तक राजस्थान में विधायक रह चुके हैं। उसके बाद वह साल 2014 में पहली बार कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से चुने गए। इसके बाद 2019 में दूसरी बार भी वहीं से लोकसभा में चुनकर गए हैं। बिड़ला भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं
ओम बिड़ला पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों के करीबी हैं। हालांकि सभी के समर्थन के बाद बिड़ला का लोकसभा अध्यक्ष निर्वाचित होना महज औपचारिकता ही रह गया है।
लेकिन अभी बाकी प्रक्रिया के तौर पर मंगलवार को सभी नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ-ग्रहण के बाद बुधवार को नए लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव होगा।
ओम बिड़ला के लोकसभा स्पीकर के पद पर चयन से उनके परिजनों, समर्थकों और लोकसभा क्षेत्र में खुशी का माहौल है।
Last Updated Jun 19, 2019, 4:02 PM IST