इन जेलों में कैदी अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए 10 से 15 किलोमीटर जेल से दूर जाकर काम भी कर सकेंगे और परिवार का भरण पोषण अपने ही दम पर करेंगे। इसका मकसद कैदियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए है। 

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तस्वीरों में दिखाई दे रही यह जेल फरीदाबाद की जिला जेल है, जहां करीब 2392 कैदी बंद हैं। जिसमें 91 महिला, 14 सौ हवालाती और करीब 1000 कैदी सजायाफ्ता है। जेल अधीक्षक दीपक शर्मा की मानें तो जेल में बंद जिन कैदियों का आचरण ठीक होगा, उन्हें जेल के बाहर ओपन एयर जेल में रखा जाएगा। ऐसे कैदी अपने परिवार के सदस्यों को भी साथ रख सकेंगे। यह जेल मुख्य जेल के परिसर में ही बनाई जाएगी। इसके लिए सरकार की तरफ से 62 लाख मंजूर हो चुके हैं और जल्द ही ओपन एयर जेल बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। दीपक शर्मा की माने तो ओपन एयर जेल में परिवार को रखने के लिए दो बेडरूम के मकान कैदी को दिए जाएंगे। जिसमें वह अपने परिवार के साथ रह सकेगा। इतना ही नहीं ओपन एयर जेल में रहने वाला कैदी जेल परिसर से 15 किलोमीटर दूर तक कहीं भी नौकरी कर सकता है और अपने परिवार के साथ गुजर बसर कर सकेगा।


ओपन एयर जेल में रहने वाले कैदी के लिए कुछ शर्तें भी होंगी। जैसे जो कैदी एक चौथाई सजा काट चुका होगा और जेल में पहुंचने से अब तक जिसका आचरण ठीक होगा, उसी कैदी को ओपन एयर जेल में रखा जाएगा। फरीदाबाद की जेल में ऐसे कैदियों के लिए 36 मकान बनाए जाएंगे। हरियाणा सरकार ने 12 जून 2018 को ओपन एयर जेल के लिए गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। सरकार का मकसद जेल में बंद कैदियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए ओपन एयर जेल बनाना है।