नई दिल्ली। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने देश में आतंकी संगठनों और आतंकियों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं की। इसका खुलासा एफटीएफए की एशिया पैसिफिक ग्रुप की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है। जल्द ही एफएटीएफ की बैठक होने वाली है। जिसमें पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में रखा जा सकता है। हालांकि पाकिस्तान अपनी बर्बादी की स्क्रिप्ट खुद लिख रहा है।

पीजी ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान आतंकियों को आर्थिक मदद देनी नहीं रोकी है। असल में पाकिस्तान सरकार ने एफटीएफए को एक रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें उनसे 15 महीने पहले ये बताया था कि वह किस प्लान की तहत अपने देश में आतंकवादियों को रोकने के लिए एक्शन लेगा। लेकिन अब पाकिस्तान के चेहरा बेनकाब हो गया है।

क्योंकि एफएटीएफ की एपीजी ग्रुप ने साफ कहा कि पाकिस्तान ने जो एक्शन प्लान सौंपा था। उस पर किसी भी तरह का एक्शन नहीं लिया। लिहाजा अब पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्ट का खतरा बन गया है। हालांकि इससे पहले एपीजी ग्रुप ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में रख दिया था। जिसके बाद पाकिस्तान पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि एपीजी ग्रुप एशिया पैसिफिक में एफएटीएफ का प्रतिनिधित्व करता है। 

फिलहाल जल्द ही एफएटीएफ की पैरिस में बैठक होने वाली। जिसमें आतंकिस्तान को बड़ा झटका लग सकता है। एपीजी नने कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सिक्यॉरिटी काउंसिल रेज़ॉलूशन 1267 को लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। क्योंकि यूएन ने ही पाकिस्तान में बैठे आतंकी हाफिज सईद, मसूर अजहर और एलईटी, जेयूडी व आफआईएफ जैसे आतंकी संगठनों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की। लिहाजा एपीजी की नई रिपोर्ट ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका दे दिया है। इससे अब उसके ब्लैक लिस्ट होने का खतरा दोगुना बढ़ गया है।

क्या है एफएटीएफ

एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी संस्था है। जो गैर-कानून आर्थिक मदद को रोकने के लिए कार्य करती है। इसका मुख्यालय पेरिस में है। एफएटीएफ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एंजेसियों द्वारा पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज पर प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि आईएमएफ ने भी कहा कि अगर पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में शामिल किया जाता है। तो उसे कर्ज नहीं दिया जाएगा।