नई दिल्ली। आतंकवाद को दुनियाभर में एक्सपोर्ट करने वाला पाकिस्तान अब कंगाली की राह पर खड़ा है। अगर ऐसा ही हाल रहा तो पाकिस्तान जल्द ही वेनेजुएला बन जाएगा। जहां एक किलो टमाटर तीस हजार रुपये किलो बिक रहा है और एक अंडा पांच सौ रुपये। कुछ ऐसा ही हाल पाकिस्तान का होने वाला है। ये हम नहीं कर रहे हैं बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री भी मान रहे हैं।   

पिछले दस साल में पाकिस्तान पर विदेशी कर्ज पांच गुना ज्यादा हो गया है। दस साल पहले जहां पाकिस्तान पर 6 हजार करोड़ डालर का विदेशी कर्ज था वह अब बढ़कर 30 हजार करोड़ हो गया है। एफएटीएफ के एपीजी ने दो दिन पहले ही पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट कर दिया है जबकि अभी तक पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। एफएटीएफ की अक्टूबर में आस्ट्रेलिया में होने वाली बैठक में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने की पूरी संभावना है। 

कुछ दिन पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने देश को संबोधित कर माना कि देश बुरे हालात से गुज़र रहा है और पाकिस्तान की विदेशी फंडिंग रुक गई तो देश डिफॉल्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वेनेजुएला में बोरियों में रुपये भरकर ले जाते तो कुछ रोटियां मिलतीं और हमारा हाल भी ऐसा ही होना वाला है। उन्होंने कहा कि उन्हें यूएई, सऊदी अरब और चीन से आर्थिक मदद मिली है। जिसके कारण देश चल रहा है। इमरान ने माना कि एफएटीएफ द्वारा ब्लैक लिस्ट में शामिल होने के बाद देश के हालात वेनेजुएला जैसे हो सकते हैं।

असल में पाकिस्तान रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही है। वहीं शेयर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले एक साल में अमेरिकी डॉलर के सामने पाकिस्तानी रुपया 25 फीसदी से ज्यादा गिर गया है। वहां कराची शेयर बाजार में निवेशकों का 1 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपया डूब चुका है। अब अगर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालता है तो वहां की अर्थव्यवस्था बिल्कुल बदहाली के कगार पर पहुंच जाएगी। पाकिस्तान पर कर्ज वहां की पूरे जीडीपी का 92.2 फीसदी हिस्सा है।