इस्लामाबाद हाईकोर्ट के एक जज ने दावा किया है कि पाकिस्तान की ताकतवर खुफिया एजेंसी आईएसआई अपने मनमाफिक फैसलों के लिए चीफ जस्टिस और अन्य जजों पर दबाव बना रही है। वह पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने जा रहे चुनाव में सीधा हस्तक्षेप कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे नहीं पता इसके बाद क्या होगा। 

उन्होंने कहा, 'मैं अल्लाह को गवाह करके, अपनी मां और अपनी बार को गवाह करके यह कह रहा हूं कि आईएसआई पूरी तरह न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने में लगी हुई है। आईएसआई के लोग मनमाफिक नतीज हासिल करने के लिए अलग-अलग जगह पहुंचकर अपनी मर्जी की बेंच गठित करवाते हैं। केसों की बाकायदा मार्किंग होती है। मैं अपने हाईकोर्ट की बात करता हूं, आईएसआई वालों ने मेरे चीफ जस्टिस से संपर्क साध कर कहा कि हमने चुनाव तक नवाज शरीफ और उसकी बेटी को बाहर नहीं आने देना। शौकत अजीज सिद्दीकी को बेंच में मत शामिल करो।' 

शौकत ने कहा, आज न्यापालिका और मीडिया  बंदूकवालों (सेना) के नियंत्रण में आ गए हैं। न्यायपालिका आजाद नहीं है। मीडिया को भी सेना से निर्देश दिए जा रहे हैं। वह दबाव में सच नहीं बता रहा है।'  

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवीज शरीफ और उनकी बेटी मरियम इस समय भ्रष्टाचार के अपराध में रावलपिंडी की अदियाला जेल में क्रमश: 10 साल और 7 साल की सजा काट रहे हैं। दोनों को 13 जुलाई को पाकिस्तान पहुंचने पर गिरफ्तार कर लिया गया था।

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