नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की नेता और महाराष्ट्र की पूर्व मंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि उनके पार्टी छोड़ने की अफवाहें चल रही हैं। लेकिन उन्होंने दावा किया है कि वह पार्टी नहीं छोड़ रही हैं। लेकिन दिलचस्प ये है कि उनकी रैली में से भाजपा के झंडे गायब रहे। पंकजा ने ऐलान किया है कि वह राज्य में 27 दिसंबर से रैली निकालेंगी।

विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी से नाराज चल रही पकंजा ने पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बना कर रखी है। वह पिछले दिनों हुए राज्य में हुए सियासी ड्रामे से भी दूर रही। असल में पंकजा को उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे ने चुनाव में शिकस्त दी है। पंकजा का आरोप है कि पार्टी के कुछ नेताओं ने उन्हें चुनाव में हराया है और परोक्ष तौर पर राज्य के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडणवीस पर आरोप लगा रही है। रैली में पकंजा ने ऐलान किया कि वह भूख हड़ताल करेंगी।

पंकजा ने कहा कि वह औरंगाबाद में एक दिवसीय भूख हड़ताल करूंगी। उन्होंने कहा कि ये हड़ताल किसी पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं होगा। उन्होंने कहा दावा कि ये हड़ताल मराठवाड़ा के मुद्दे पर होगा और इसके जरिए वह पार्टी नेतृत्व का ध्यान आकर्षित करेंगी। इसके साथ ही पंकजा ने कहा कि वह राज्य में रैली निकालेंगी। असल में आज पंकजा के पिता और भाजपा के दिग्गज नेता पंकजा मुंडे की जन्मतिथि है और उन्होंने अपनी बात रखने के लिए इसका चुनाव किया।

पंकजा ने गोपीनाथ के नाम पर एक संगठन बनाया है और उन्होंने कहा कि वह इस संगठन के बैनर तहत राज्य में रैली निकालेंगी। लेकिन आज की रैली में दिलचस्प ये है कि पंकजा की रैली से भाजपा के झंडे गायब रहे। लिहाजा अटकलें लगाई जा रही हैं कि पंकजा भाजपा नेतृत्व पर दबाव बना रही हैं।