गोवा में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच भाजपा नेतृत्व ने राज्य में किसी तरह का बदलाव नहीं करने का निर्णय किया है और अस्वस्थ चल रहे मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर अपने पद पर बरकरार रहेंगे।

इसके बाद, मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बीमार चल रहे अपने दो मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर कर उनकी जगह दो नए चेहरों को दी है। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। मंत्रिमंडल से बाहर किए गए भाजपा के दोनों मंत्री फ्रांसिस डिसूजा और पांडुरंग मडकईकर पिछले कुछ समय से बीमार हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। शहर विकास मंत्री डिसूजा और बिजली मंत्री मडकईकर को ऐसे वक्त में कैबिनेट से बाहर किया गया है जब मुख्यमंत्री पर्रिकर स्वयं दिल्ली के आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज करा रहे हैं।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि पर्रिकर ने दोनों मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर करने की सिफारिश की थी। डिसूजा फिलहाल अमेरिका के एक अस्पताल में भर्ती हैं जबकि जून में आघात लगने के बाद से बीमार चल रहे मडकईकर का इलाज मुंबई के एक अस्पताल में चल रहा है। भाजपा के दो नेताओं निलेश काबराल और मिलिंद नाइक को राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। नाइक पूर्ववर्ती लक्ष्मीकांत पारसेकर सरकार में बिजली मंत्री रह चुके हैं जबकि काबराल ने पहली बार मंत्री पद की शपथ ली।

इससे पहले, रविवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘गोवा प्रदेश भाजपा की कोर टीम के साथ चर्चा कर यह निर्णय लिया गया है कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ही राज्य सरकार का नेतृत्व करते रहेंगे।’ शाह ने कहा कि प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल व विभागों में बदलाव शीघ्र ही किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पर्रिकर के दिल्ली के एम्स में भर्ती होने के बाद से ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें लगाई जा रही थीं। इस संदर्भ में भाजपा नेतृत्व ने पार्टी महासचिव (संगठन) रामलाल एवं संयुक्त मंत्री बीएल संतोष को गोवा भेजा था। इन दोनों नेताओं ने पार्टी के विधायकों के साथ सहयोगी दलों के नेताओं से भी चर्चा की थी। इस बीच, कांग्रेस ने भी सरकार बनाने की दावेदारी जताई थी ।