उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी चरम पर है। आज राष्ट्रीय प्रवक्‍ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि प्रियंका पार्टी के कुछ फैसलों की पिछले दिनों से विरोध कर रही थी। लेकिन पार्टी ने उनकी मांगों को दरकिनार कर दिया। जिसके बाद आज उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देना बेहतर समझा।

कुछ दिन पहले प्रियंका ने ट्विट कर पार्टी से अपनी नाराजगी जाहिर की थी। प्रियंका से साफ शब्दों में सोशल मीडिया में अपनी बात रखी थी। उनका कहना था कि पार्टी में गुंडों को तरजीह दी जा रही थी। ये वो लोग हैं जो महिलाओं से बदसलूकी करते हैं। जबकि वो लोग मेहनत कर अपनी जगह बना रहे हैं, उनके बदले ऐसे लोगों को तवज्जो मिल रही है। लेकिन आज प्रियंका चतुर्वेद ने एक पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। प्रियंका सोशल मीडिया और मीडिया में खुलकर कांग्रेस का पक्ष रखती थी। लेकिन आज उनके इस्तीफे को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।

क्या है मामला

असल में उत्तर प्रदेश के मथुरा में कुछ समय पहले प्रियंका चतुर्वेदी ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की थी। इस प्रेस कांफ्रेंस में वह राफेल विमान सौदे पर केन्द्र सरकार को घेर रही थी। लेकिन वहां पर स्थानीय नेताओं ने उनसे बदसलूकी की थी। इसकी शिकायत उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं से की। हालांकि कुछ समय के लिए इन नेताओं को पार्टी से निकाला गया, लेकिन अब फिर से इन्हें बहाल कर दिया गया। जिसको लेकर वह पार्टी से नाराज चल रही हैं।

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नेताओं को किसने किया बहाल

असल में प्रियंका चतुर्वेदी को प्रियंका गांधी वाड्रा का करीबी माना जाता है। प्रियंका गांधी वाड्रा पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं जबकि मथुरा के नेताओं को बहाल करने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं। सिंधिया ने काफी अरसे यूपी से बनाई रखी है। जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा राज्य में सक्रिय हैं। सिंधिया खुद को ज्यादा तवज्जो न मिलने के कारण नाराज चल रहे हैं और उन्होंने यूपी से चुनाव प्रचार से दूरी बनाई हुई है। जिन नेताओं को सिंधिया ने बहाल किया है वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।