असल में राजस्थान के सियासी ड्रामे का पटाक्षेप नहीं हुआ है और कांग्रेस और सचिन पायलट के बीच बातचीत का दौर जारी है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इन बातचीत के बारे में खुलकर नहीं बोल रहा है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दी गई नोटिस के बाद पायलट ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट को लेकर अभी भी सियासी हलचल जारी है। अभी तक सचिन पायलट ने कोई फैसला नहीं लिया है और न ही कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकाला है। वहीं अब कांग्रेस ने एक बार फिर कहा कि पायलट के लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं। लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस ने दो तीखे सवाल पायलट से पूछे हैं।
असल में राजस्थान के सियासी ड्रामे का पटाक्षेप नहीं हुआ है और कांग्रेस और सचिन पायलट के बीच बातचीत का दौर जारी है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इन बातचीत के बारे में खुलकर नहीं बोल रहा है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दी गई नोटिस के बाद पायलट ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। वहीं पिछले दरवाजे से पायलट को मनाने की कोशिशें जारी हैं। उधर आज कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पायलट और समर्थक विधायकों के मानेसर में ठहरने को लेकर सवाल उठाए हैं।
खेड़ा ने कहा कि जब राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की टीम विधायकों से पूछताछ करने के लिए होटल में पहुंची तो उन्हें रोका गया। अब चर्चा है कि विधायकों को हरियाणा के बाद कर्नाटक ले जाया जा रहा है। खेड़ा ने कहा कि पायलट दावा कर रहे हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं लेकिन कोर्ट में उनके साथ भाजपा के वकील उनका पक्ष रख रहे हैं। उनका कहना है कि आखिर पायलट खेमे के विधायकों ने भाजपा शासित राज्य में डेरा क्यों डाला हुआ है?
भाजपा के आरोप के बाद कांग्रेस बैकफुट में
राजस्थान में सामने आए कथित ऑडियो टेप कांड के बाद अब कांग्रेस बैकफुट पर है। क्योंकि भाजपा ने कहा कि राज्य की गहलोत सरकार को इसके लिए सीबीआई जांच कराने की मांग करनी चाहिए। ताकि सच और झूठ का फैसला हो सके। हालांकि अभी तक टेप को लेकर राजस्थान की एसओजी जांच कर रही है।
माया के निशाने पर आए गहलोत
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा कि पहले सीएम गहलोत ने दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन किया और बाद में दूसरी बार भी बसपा से दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया। लेकिन अब एक बार फिर फोन टेप करा कर गहलोत सरकार ने गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।
Last Updated Jul 18, 2020, 2:27 PM IST