नई दिल्ली। जनता दल यूनाइटेड से बर्खास्त और चुनावी रणनीतीकार प्रशांत किशोर आज बिहार की राजधानी पटना में अपने सियासी पत्तों को खोंलेगे। हालांकि अभी तक पीके ने किसी भी दल का दामन नहीं थामा है। लेकिन माना जा रहा है कि पीके राज्य में नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।

नागरिकता संशोधन अधिनियम पर पार्टी के रुख की आलोचना के बाद जनता दल यूनाइटेड से निकाले गए प्रशांत किशोर आज पटना में अपने सियासी रूख का  खुलासा करेंगे। पार्टी से निकाले जाने के बाद पीके पहली यात्रा पर पटना पहुंचेंगे। राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि वह अपने गृह राज्य बिहार में सियासी सफर शुरू करेंगे। हालांकि पीके ने ये साफ नहीं किया है कि वह किस दल में शामिल होंगे।

लेकिन माना जा रहा है कि पीके अपने सियासी गुरू नीतीश कुमार के खिलाफ बिहार में मोर्चा खोलेंगे और उन्हें मात देंगे। गौरतलब है कि कभी प्रशांत कुमार और पूर्व राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा नीतीश कुमार के सबसे करीबी सहयोगी माने जाते थे। लेकिन नागरिकता कानून को लेकर दोनों ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

बिहार में अपने सियासी पत्तों को खोलने से पहले दिल्ली में पीके ने मीडिया से कहा कि नागरिकता कानून, अगर प्रस्तावित नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC)के साथ जोड़ा जाता है, तो मुस्लिम समुदाय के लोगों इससे परेशान हो सकती है। लिहाजा वह पहली बार इसकी आलोचना और जद (यू) से निष्कासित होने के बाद अपनी पहली बिहार यात्रा पर आजको पटना पहुंचेंगे।

किशोर ने ही पिछले विधानसभा चुनाव के लिए लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जद (यू) के बीच गठबंधन में अहम भूमिका निभाई और 2015 में बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराया था। माना जा रहा है पीके के पवन वर्मा भी जा सकते हैं। हालांकि पवन वर्मा की तरफ से इस तरह का कोई बयान नहीं आया है।