दिल्ली के वीआईपी इलाके लुटियन जोन में रहने वाले अति विशिष्ट लोगों को किसी भी हवाई और रासायनिक हमले की स्थिति में सुरक्षित निकालने की योजना पर काम शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों को मास्टर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर यानी खास मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने को कहा है। यह लुटियन जोन के ‘वीआईपी-89’ इलाके का नए सिरे से निर्धारण करेगी।

मास्टर एसओपी को सभी सुरक्षा बलों द्वारा अपनाए जाने वाले एसओपी में से तैयार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को वीआईपी-89 नाम यहां रहने वाले वीवीआईपी को देखते हुए दिया गया है। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजित डोभाल, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, यूपीए चेयरमैन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं। दरअसल, वीआईपी-89 एक वर्चुअल घेरा है, जिसके दायरे में लुटियन जोन के सभी महत्वपूर्ण दफ्तर और रिहायशी इलाके आते हैं। इनमें प्रधानमंत्री कार्यालय और राष्ट्रपति भवन भी शामिल है।

गृहमंत्रालय में गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में वीआईपी को ध्यान में रखते हुए योजना तैयार करने को कहा गया है। ताकि किसी भी हवाई हमले की स्थिति में उन्हें सुरक्षित निकाला जा सके। आपात स्थित में इन लोगों के लिए सुरक्षित स्थान भी तलाशने को कहा गया है। 

माय नेशन को मिले दस्तावेज के अनुसार, किसी भी हमले की स्थिति में मेट्रो स्टेशनों, पांच सितारा होटलों को सुरक्षित ठिकाने के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इनमें वीवीआईपी को ले जाया जा सकता है। एक शीर्ष सुरक्षा सूत्र ने कहा, ‘‘एजेंसियों को विस्तृत और वीआईपी के अनुसार निकासी योजना तैयार करने को कहा गया है। एक दर्जन से ज्यादा ऐसे मेट्रो स्टेशनों की पहचान की गई है, जिन्हें किसी हवाई और रासायनिक हमले की स्थिति में बंकरों के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ होटलों और पार्किंग स्थलों की भी पहचान की गई है।’’

सभी एजेंसियां ऐसे वीआईपी के अनुसार अपनी योजना को अंतिम रूप देंगी, जिन्हें वे सुरक्षा कवर मुहैया करा रही हैं। सीआरपीएफ, सीआईएसफ, एसपीजी, आईटीबीपी जैसे बलों की प्रस्तावित एसओपी आ जाने के बाद सभी खुफिया ब्यूरो (आईबी) के साथ एक मास्टर एसओपी तैयार करेंगे। इसे गृहमंत्रालय को सौंपा जाएगा। इस संबंध में जून के पहले हफ्ते में एक बैठक हुई थी।

सीआरपीएफ और सीआईएसएफ जिन वीआईपी को सुरक्षा दे रही है, उनके लिए अपना एसओपी सौंप दिया है। इस एसओपी का उद्देश्य वीवीआईपी की सुरक्षा में तैनात एजेंसियों और अधिकारियों को किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार करना है। इस प्रोजेक्ट से वीआईपी-89 का निर्धारण किया जाएगा। साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को हवाई हमले को लेकर जागरुक करने और उससे निपटने के लिए तैयार किया जाएगा। इस योजना में चिकित्सीय मदद के लिए अस्पतालों को भी शामिल करना और वीपीआईपी को सुरक्षित स्थान तक पहचाना शामिल है। 9/11 की तर्ज पर विमान का अपहरण कर उसे किसी इमारत से टकराने, रॉकेट लांचर से हमला करने अथवा वीआईपी को किसी उड़ती वस्तु से निशाना बनाने या महत्वपूर्ण ठिकानों पर यूएवी, ड्रोन से हमले, हॉट एयर बैलून अथवा हल्के विमानों से हमले की स्थिति से इस मास्टर एसओपी के जरिए निपटा जा सकेगा।