साल 2019 में पीएम मोदी की 'मन की बात' का पहला एपिसोड रेडियो पर आया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत में सिद्धगंगा के संत और समाजसुधारक डॉ. श्री शिवकुमार स्‍वामी जी का जिक्र किया और समाज के लिए किए गए उनके कार्यों को याद किया। उन्होंने स्वामी शिवकुमार जी पर लिखी गई पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की कविता का भी जिक्र किया। 

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने मतदान के महत्व पर बात करते हुए कहा कि वोट डालना हमारा कर्तव्य होता है और मतदान नहीं करने पर हमें पीड़ा होनी चाहिए। उन्होंने ने लोकतंत्र की मजबूती के लिए चुनाव आयोग की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि देश के हर व्यक्ति को चुनाव आयोग पर गर्व है। 25 जनवरी को चुनाव आयोग का स्थापना दिवस था। प्रधानमंत्री ने युवाओं से मतदान में उत्साह से भाग लेने की अपील की। 

 

इसके बाद पीएम मोदी ने महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस को याद किया। हाल ही में 23 जनवरी को उनका जन्मदिन था। प्रधानमंत्री ने बताया कि ‘जब मैं लाल किले में, क्रान्ति मंदिर में, वहां नेताजी से जुड़ी यादों के दर्शन कर रहा था तब मुझे नेताजी के परिवार के सदस्यों ने एक बहुत ही ख़ास कैप, टोपी भेंट की। कभी नेताजी उसी टोपी को पहना करते थे।मैंने संग्रहालय में ही, उस टोपी को रखवा दिया, जिससे वहाँ आने वाले लोग भी उस टोपी को देखें और उससे देशभक्ति की प्रेरणा लें।’
पीएम मोदी ने रेडियो से नेताजी के लगाव को याद करते हुए कहा कि ‘मैंने हमेशा से रेडियो को लोगों के साथ जुड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम माना है उसी तरह नेताजी का भी रेडियो के साथ काफी गहरा नाता था और उन्होंने भी देशवासियों से संवाद करने के लिए रेडियो को चुना था।1942 में सुभाष बाबू ने आजाद हिन्द रेडियो की शुरुआत की थी और रेडियो के माध्यम से वो ‘आजाद हिन्द फौज’ के सैनिकों से और देश के लोगों से सवांद किया करते थे। सुभाषबाबू का रेडियो पर बातचीत शुरू करने का एक अलग ही अंदाज़ था। वो बातचीत शुरू करते हुए सबसे पहले कहतेथे – This is Subhash Chandra Bose speaking to you over the Azad Hind Radio और इतना सुनते ही श्रोताओं में मानो एक नए जोश, एक नई ऊर्जा का संचार हो उठता था।’

 

प्रधानमंत्री जब नेताजी पर बने संग्रहालय की बात कर रहे थे तो उन्होंने गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि लोग टैगोर जी को लेखक के रुप में जानते थे। लेकिन कम ही लोगों को पता है कि वह एक कुशल चित्रकार भी थे। 

इसके बाद प्रधानमंत्री ने काशी के महान संत रविदास जी को याद करते हुए सामाजिक समरसता का संदेश दिया। पीएम ने याद दिलाया कि ‘संत रविदास जी ने अपने संदेशों के माध्यम से अपने पूरे जीवनकाल में श्रम और श्रमिक की अहमियत को समझाने का प्रयास किया। ये कहा जाए तो गलत नहीं होगा कि उन्होंने दुनिया को श्रम की प्रतिष्ठा का वास्तविक अर्थ समझाया है। वो कहते थे – “मन चंगा तो कठौती में गंगा”

पीएम मोदी ने महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई और देश के युवा वैज्ञानिकों को याद करते हुए कहा कि ‘कुछ दिन पहले, मैं अहमदाबाद में था, जहाँ मुझे डॉक्टर विक्रम साराभाई की प्रतिमा के अनावरण का सौभाग्य मिला। डॉक्टर विक्रम साराभाई का भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण योगदान रहा है।हमारे स्पेस कार्यक्रम में देश के असंख्य युवा वैज्ञानिकों का योगदान है। हम इस बात का गर्व करते हैं कि आज हमारे छात्रों द्वारा तैयार किए गए सैटेलाइट्स और रॉकेट अंतरिक्ष तक पहुँच रहे हैं। इसी 24 जनवरी को हमारे विद्यार्थियों द्वारा बनाया गया ‘कलामसेट’ लांच किया गया है। ओडिशा में यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए साउंडिंग रॉकेट्स ने भी कई कीर्तिमान बनाए हैं।देश आज़ाद होने से लेकर 2014 तक जितने स्पेस मिशन हुए हैं, लगभग उतने ही अंतरिक्ष अभियानों की शुरुआत बीते चार वर्षों में हुई हैं।’

 

प्रधानमंत्री ने खेल में युवा प्रतिभाओं का जिक्र किया और कम संसाधनों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए उनकी तारीफ की। पीएम का कहना था कि ‘मुक्केबाजी में युवा खिलाड़ी आकाश गोरखा ने सिल्वर मेडल जीता। मैं पढ़ रहा था आकाश के पिता रमेश जी,  पुणे में एक कॉम्प्लेक्स में वॉचमैन का काम करते हैं। वे अपने परिवार के साथ एक पार्किंग शेड में रहतेहैं। वहीं महाराष्ट्र की अंडर-21 महिला कबड्डी टीम की कप्तान सोनाली हेलवी सतारा की रहने वाली है। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया और उनके भाई और उनकी माँ ने सोनाली के हुनर को बढ़ावा दिया। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कबड्डी जैसे खेलों में बेटियों को इतना बढ़ावा नहीं मिलता है। इसके बावजूद सोनाली ने कबड्डी को चुना और उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।आसनसोल के 10 साल के अभिनवशॉ,खेलो इंडिया यूथ गेम्स में सबसे कम उम्र के स्वर्ण पदक विजेता हैं।कर्नाटक से एक किसान की बेटी अक्षता बासवानी कमती ने वेट लिफ्टिंग में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय अपने पिता को दिया। उनके पिता बेलगाम में एक किसान हैं।’

 

प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र करते हुए साफ टॉयलेट प्रतियोगिता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ‘साथियों, 2 अक्टूबर, 2014 को हमने अपने देश को स्वच्छ बनाने और खुले में शौच से मुक्त करने के लिए एक साथ मिलकर एक चिर-स्मरणीय यात्रा शुरू की थी।भारत के जन-जन के सहयोग से आज भारत 2 अक्टूबर, 2019 से काफी पहले ही खुले में शौच मुक्त होने की ओर अग्रसर है जिससे कि बापू को उनकी 150वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा सके।’ 

 

प्रधानमंत्री ने हिमाचल के छात्र अंशुल शर्मा द्वारा दी गई सलाह का जिक्र किया और कहा कि ‘मैं सभी विद्यार्थियों, उनके माता-पिता और शिक्षकों को शुभकामनाएं देता हूं।मैं इस विषय पर आज ‘मन की बात’ के इस कार्यक्रम में चर्चा करनाज़रूर पसंद करता, लेकिन आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि मैं दो दिन बाद ही 29 जनवरी को सवेरे 11 बजे ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में देश भर के विद्यार्थियों के साथ बातचीत करने वाला हूं। इस बार छात्रों के साथ-साथ अभिभावक और शिक्षक  भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने वाले हैं। और इस बार कई अन्य देशों के छात्र भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।इस ‘परीक्षा पे चर्चा’ में परीक्षाओं से जुड़े सभी पहलुओं, विशेष रूप से तनाव-रहित परीक्षा के संबंध में अपने नौजवान मित्रों के साथ बहुत सारी बातें करूंगा।’ 

मन की बात के आखिर में उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया और कहा कि ‘30 जनवरी पूज्य बापू की पुण्यतिथि है। 11 बजे पूरा देश शहीदों को श्रद्धांजलि देता है। हम भी जहाँ हों दो मिनट शहीदों को जरुर श्रद्धांजलि दें।पूज्य बापू का पुण्य स्मरण करें और पूज्य बापू के सपनों को साकार करना, नये भारत का निर्माण करना, नागरिक के नाते अपने कर्तव्यों का निर्वाह करना – इस संकल्प के साथ, आओहम आगे बढें।2019 की इस यात्रा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाएं।’