प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय तीन अफ्रीकी देशों की यात्रा पर हैं। अपनी इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10वें ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लिया और इसे संबोधित भी किया। ब्रिक्स सम्मेलन भाग लेने के अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में चीनी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात की।

प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स बैठक के बाद चीनी राष्ट्रपति से द्विपक्षीय वार्ता की । बैठक में दोनों नेताओं ने बॉर्डर की स्थिति पर विस्तृत रूप से बात की और ये तय किया कि दोनों देशों की सेनाओं को सीमा पर शांति बनाने की कोशिश करनी चाहिए। इसके अलावा पीएम ने भारत की ओर से निर्यात का मुद्दा भी उठाया।

आपको बता दें कि भारत सरकार चीन के साथ व्यापार में आयात को कम करना चाहती है और निर्यात को बढ़ाना चाहती है ताकी दोनों देशों को बीच व्यापार संतुलन बछे।इसी को लेकर 1 और 2 अगस्त को भारत का एक डेलिगेशन इस मसले पर बात करने चीन जाएगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक इन्फॉर्मल समिट के तहत चीन गए थे। चीन के वुआन में दोनों देशों के सर्वोच्च नेताओं ने कई मसलों पर बात की थी। जिनपिंग से मुलाकात के दौरन भी पीएम ने दोनों देशों के रिश्तों पर बात की।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मिले। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि सोची यात्रा के दौरान जिस तरह उन्होंने उनका स्वागत किया था, वह उनके शुक्रगुजार हैं।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान अपने भाषण में दुनिया को और बेहतर बनाने में औद्योगिक, प्रौद्योगिकी, कौशल विकास तथा बहुपक्षीय सहयोग के महत्व पर बल दिया। मोदी ने जोहानिसबर्ग ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि दुनिया में विकसित की जा रही नई औद्योगिक प्रौद्योगिकी और परस्पर संपर्क के डिजिटल तरीके हमारे लिए अवसर भी हैं और चुनौती भी।

बता दें कि दक्षिण अफ्रीका दूसरी बार ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. ब्रिक्स सम्मेलन में वैश्विक मुद्दों, अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा, वैश्विक शासन और व्यापार संबंधी मुद्दों समेत कई मामलों पर चर्चा हुई. इस दौरान पीएम ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत ब्रिक्स के कई अन्य नेताओं से मुलाकात की. ब्रिक्स समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

पीएम मोदी और पुतिन ने एक दूसरे को भरोसा दिलाया कि दोनों देश भविष्य में भी साथ मिलकर काम करेंगे. गौरतलब है कि चीन यात्रा की तर्ज पर प्रधानमंत्री मोदी ने रूस के सोची की यात्रा की थी और इन्फॉर्मल समिट में हिस्सा लिया था.