नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस के संक्रमण के प्रकोप के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक करेंगे। ये पीएम मोदी की पहली बैठक है। पीएम मोदी वीडियो कांफ्रेंसिग माध्यम से राजनीतिक दलों के शीर्ष के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। हालांकि कई राजनैतिक दल केन्द्र सरकार के लॉकडाउन के फैसले के बाद लोगों को ही रही दिक्कतों के लेकर सवाल उठा रहे हैं।


 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल को कोरोनावायरस से उत्पन्न हालात पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है। घातक वायरस के प्रकोप पर राजनीतिक दलों के साथ मोदी की यह पहली बैठक है। पीएम मोदी लॉकडाउन की घोषणा करने के बाद सर्वदलीय बैठक के जरिए विभिन्न दलों के नेताओं से बातचीत करेंगे। संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि जिन दलों के सदस्यों की संसद में पाँच से अधिक सदस्य हैं उन्हें बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

सामाजिक दूरी और यात्रा प्रतिबंधों के मानदंडों को ध्यान में रखते हुए एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक आयोजित की जाएगी। हालांकि कई विपक्षी दलों के नेता केन्द्र सरकार से सवाल पूछ रहे हैं कि कोरोना वायरस के कारण बाद क्या लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा और देश की आर्थिक स्थिति क्या है और आने वाले दिनों में कोरोना का असर अर्थव्यवस्था और देश पर कैसा पड़ेगा। 

बैठक को लेकर केन्द्र सरकरा के अफसरों का कहना है कि घातक वायरस को रोकने के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी भविष्य के रोड मैप पर विभिन्न दलों से सुझाव मांगेंगे। वहीं पीएम मोदी अभी तक कोरोना वायरस के लिए उठाए गए कदमों को लेकर भी विपक्षी दलों के नेताओं को जानकारी देंगे। इस बैठक में पीएम मोदी मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी और राज्यसभा के नेता थावर चंद गहलोत के भी मौजूद रहेंगे। 

मोदी ने 24 मार्च को तीन सप्ताह के राष्ट्रव्यापी "पूर्ण लॉकडाउन" का ऐलान किया था ताकि देश में कोरोनोवायरस के प्रसार को प्रोत्साहित करना था। हालांकि कांग्रेस केन्द्र सरकार पर आरोप लगा रही है कि उसके फैसले से जनता को दिक्कत हुई है। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने केन्द्र सरकार के लॉकडाउन का समर्थन किया है।