वारदात को 24 की जुलाई की रात को अंजाम दिया गया था। अगले ही दिन पीड़ित गर्भवती बकरी की मौत हो गई थी। घटना मेवात के मरोड़ा गांव में हुई थी जो गुड़ंगाव से लगभग 75 किलोमीटर की दूरी पर है।
दोनों आरोपी मरोड़ा गांव के ही रहने वाले हैं। आठों पर अप्राकृतिक यौनाचार के कारण आईपीसी की धारा 377 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इनपर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत भी केस दर्ज किया गया है।
पुलिस के मुताबिक आरापियों का पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड भी है। ये ट्रक ड्राइवर हैं और पशु तथा बाइक चोरी की घटनाओं में शामिल रहे हैं।

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बता दें कि वारदात को अंजाम देने के बाद बकरी के मालिक ने इन्हें रंगे हांथों पकड़ लिया था। बकरी मालिक की शिकायत पर ग्रामीणों ने पकड़ में आए तीन आरोपियों को पीटा भी था लेकिन वो बाद में वहां से भागने में कामयाब रहे थे।
मेवात पुलिस के मुताबिक बकरी के साथ गैंगरेप करने वाले आरोपियों की तलाश में कई टीमें लगी हुई हैं। इसी प्रयास का नतीजा है कि दो आरोपी पकड़े जा सके हैं। पुलिस का दावा है कि जल्दी ही बाकी पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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बकरी के मालिक असलूप खान ने माय नेशन को बताया कि बकरी मेरे बच्चे जैसी थी। बकरी गर्भवती थी और दरिंदों ने उसकी जान ले ली। असलूप ने थाने में जाकर दो आरोपियों का नाम भी दर्ज कराया था जिनको वो जानता था और जो उसके पड़ोस में रहते थे। असलूप ने सावकार, हारुन और जफर के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था जिनमें से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है। उसने बकरी के साथ दरिंदगी के बाद एक लाख रुपये के मुआवज़े की मांग भी की है।
वारदात के बाद भावुक असलूप ने बताया था कि बकरी की हालत इतनी नाजुक थी वो जमीन पर लेटी हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ था कि बकरी की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई थी। बकरी 50 दिनों की गर्भवती थी और उसके गर्भ में दो बच्चे थे। जिनकी डिलवरी नवंबर महीने में होती।
पूरे मामले ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। आरोपियों के बारे में पुलिस ये जानकारी देती है कि कई मामलों में वो पहले भी जेल की सजा भुगत चुके हैं।


वारदात के बाद पुलिस ने जो बयान दिया था

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