पुलिस को जानकारी मिली थी कि शहर के एक गोदाम में भारी मात्रा में नकली शराब बनाई जा रही है और इसे आसापास के इलाकों में भेजा जाना है। ये नकली शराब हरियाणा से मंगाई जाती है और फिर इसमें गोदाम में फर्टिलाइजर या कैमिकल मिलाकर इसकी तीव्रता तेज कर दी जाती है। जिसके बाद लोग इसे ज्यादा खरीदते हैं क्योंकि कम कीमत पर ज्यादा नशे वाली शराब लोगों को मिलती है।
बाराबंकी। राजधानी लखनऊ के पड़ोसी जिले में पुलिस ने नकली शराब बनाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इन लोगों के पास से करीब तीस लाख रुपये की नकली शराब पकड़ी गयी है। पुलिस ने दबिश देकर इस गिरोह के गैंग के सरगना को पड़ा है।
गोदाम से 950 पेटी बिना रैपर की शराब बरामद की थी। पुलिस ने गिरोह के सरगना रूपेश जायसवाल उर्फ बच्चा, गुड्डू सिंह, सुशील गुप्ता, धीरज, सजीवन और नीरज को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
पुलिस को जानकारी मिली थी कि शहर के एक गोदाम में भारी मात्रा में नकली शराब बनाई जा रही है और इसे आसापास के इलाकों में भेजा जाना है। ये नकली शराब हरियाणा से मंगाई जाती है और फिर इसमें गोदाम में फर्टिलाइजर या कैमिकल मिलाकर इसकी तीव्रता तेज कर दी जाती है।
जिसके बाद लोग इसे ज्यादा खरीदते हैं क्योंकि कम कीमत पर ज्यादा नशे वाली शराब लोगों को मिलती है। गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही जिले में नकली शराब पीने के कई लोगों को मौत हो गयी थी।
जानकारी के मुताबिक गोदाम से करीब 30 लाख रुपये की मिस ब्रैंड शराब के साथ ही इसके गिरोह के सरगना रूपेश जायसवाल व गुड्डू सिंह को पुलिस ने दबोचा है। इसके साथ ही छह अन्य आरोपियों को पकड़ा गया है।
पुलिस ने इन लोगों पर आबकारी, मानव शरीर के लिए घातक पदार्थ की बिक्री, धोखाधड़ी व कूटरचित धंधे की धारा में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक ये लोग देसी शराब के नकली रैपर लगाकर बेचते थे।
फिलहाल इस गिरोह के तार खोजे जा रहे हैं क्योंकि इन अपराधियों ने बताया कि ये शराब हरियाणा से मंगाई जाती है और यहां पर उसमें मिलावट कर ये उससे ज्यादा शराब बनाते थे। शराब में और ज्यादा नशा लाने के लिए यूरिया की मिलावट की जाती थी। इस शराब को पीने से जल्दी नशा लगता है। वहीं इसकी कीमत बाजार में मिल रही शराब से कम होता है। लिहाजा जिले में कई जगह पर इस तरह की अवैध शराब बिक रही है।
Last Updated Jul 30, 2019, 8:24 AM IST