मेरठ के एलएलआरएम कॉलेज से शराब की 200 पेटियां जब्त हुई हैं। शराब की पूरी खेप मेडिकल कॉलेज के एक प्राइवेट वॉर्ड में रखी हुई थीं। वार्ड का एक कमरा सिविल कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार रजत त्यागी को दिया हुआ है। गुरुवार सुबह कमरे का दरवाजा किसी वजह से खुला रह गया। मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी ने अंदर देखा तो उसमें विभिन्न कंपनियों की अंग्रेजी शराब की पेटियां रखी हुई थी।

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मामले की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। सूचना पर मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजीत चौधरी, चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर संजीव व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए, जिन्होंने पुलिस को सूचना दी। 

पूरे मामले में ठेकेदार रजत त्यागी की भूमिका सामने आई है। रजत त्यागी के निवेदन पर सामान रखने के लिए एक कमरा उसे दिया गया था। ई-टेंडरिंग के जरिए बीते एक अप्रैल से ही रजत त्यागी को मेडिकल कॉलेज में कंस्ट्रक्शन का ठेका मिला था। सीएमओ के मुताबिक सिविल ठेकेदार रजत त्यागी की इस करतूत के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उसका ठेका तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। ठेकेदार को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि रजत त्यागी के खिलाफ थाने में तहरीर दी जा रही है। 

जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में शराब का ये गोदाम कई सालों से बना हुआ था। वॉर्ड में मिली शराब, शराब ठेके के ठेकेदार राजीव भाटी की है। मेडिकल कॉलेज में शराब रखने की एवज में वो 6 हजार रुपये हर महीने देता था। खबर ये भी है कि मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को भी इसमें से हिस्सा जाता था, पुलिस इसकी जांच कर रही है। पार्टी आयोजित होने पर या मेहमान नवाजी करने के लिए बकायदा शराब की पेटिया डॉक्टरों के पास भिजवाई जाती थीं। अब गोदाम का मामला सामने आने पर मेडिकल कॉलेज के अधिकारी अनजान बन रहे हैं।