बात बंगाल के बर्धवान जिले की हैं। जिले के श्मशान घाट पर नौकरी निकली है। पोस्ट है अंतिम संस्कार करने वाले कर्मचारी की। इस नौकरी को लेकर युवाओं में क्या उत्साह है, ये आपको आवेदन करने वालों की संख्या से पता चल जाएगा। 


श्मशान में निकली इस नौकरी को पाने के लिए पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं ने अर्जी दी है। राज्य सरकार के मुताबिक नौकरी पाने के लिए शैक्षणिक यौग्यता 8वीं पास है। 


नगर निगम के सूत्रों के हवाले से खबर है कि परीक्षा के लिए इतने छात्रों ने अर्जी दी कि उन्हें परीक्षा की तिथि बदलनी पड़ी क्योंकि इतने छात्रों को एक जगह बैठा कर परीक्षा लेने का इंतजाम नही हो पाया।


परीक्षा देने आए एक छात्र ने कहा कि, “श्मशान घाट की नौकरी है इसलिए मैंने सोचा था कि कॉम्पटीशन कम होगी, घर पर कुछ ना बताकर मैंने परीक्षा की अर्जी दी थी लेकिन यहां तो माजरा ही कुछ और निकला”।


परीक्षा हॉल में मौजूद एक और छात्र ने बताया कि, “नौकरी मेरे लिए जरूरी है, कहां मिल रही है ये जरूरी नहीं  लेकिन यहां मुझे मेरे साथ लाइन में खड़े 54 और छात्र मिलेंगे इसकी उम्मीद नहीं थी”।


मामले पर बर्धवान नगर निगम ने बताया कि पिछले रविवार को एक क्लर्क एक ड्राइवर एक चपरासी और एक श्मशानकर्मी की नियुक्ति के लिए वैकेंसी निकाली गई थी।


निगम के सचिव जय रंजन सेन ने बताया कि अधिकांश तौर पर स्नातक और पीजी वाले छात्रों ने आवेदन पत्र जमा कराया है।


दिलचस्प बात यह है निगम ने अब तक ये निर्णय नहीं लिया कि सटीक श्मशानकर्मी का चुनाव कैसे किया जाय। इससे पहले भी कई जगहों पर चतूर्थ श्रेणी की नौकरी के लिए केवल स्नातक और पीजी वालों ने ही नहीं बल्कि पीएचडी कर चुके युवाओं ने अर्जी दी थी।


बर्धवान नगर निगम के प्रधान स्वरूप दत्त ने बताया कि, “हम हैरान हैं कि अब इनकी लिखित परीक्षा भी लेनी पड़ेगी, ये सोच से परे है”।


मौके की नजाकत को देखते हुए सीपीएम इस मुद्दे को भुनाने के लिए मैदान में कूद पड़ी है। जिले के एक नेता ने बताया कि तृणमूल के राज में नौकरियों का बुरा हाल है, ये साफ हो रहा है।


भाजपा ने भी मामले को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता संदीप नंदी ने कहा कि ये भी हो सकता है कि पीजी की डिग्री का मान इतना गिर गया है कि छात्र केवल इसी नौकरी के लायक रह गए हैं।