प्रयागराज--प्रयागराज कुंभ में शाही स्नान शुरु हो गया है। मेंला प्रशासन की तरफ से संगम में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के बारे में जो आकड़े जारी किए गए हैं उसके अनसार कल रात तक लगभग 56 लाख लोगों ने डुबकी लगाई है। प्रशासन का अनुमान है कि आज के दिन लगभग 1 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में स्नान करेंगे। सभी 13 अखाड़ों को तीन भागों में सन्यासी, बैरागी और उदासीन भागों में बांटा गया था। सबसे पहले संत ने शाही स्नान किया उसके बाद बैरागी और अंत में उदासी अखाड़े के संतों को स्नान करना था। 

प्रयाग में पहले शाही स्नान से जुड़ी हर जानकारी

प्रत्येक अखाड़े को 45 मिनट का समय मिला है जो सुबह से लेकर शाम 4 बजे तक रखा गया है।  प्रयागराज में पहला शाही स्नान श्री पंचायती अखाड़ा, महानिर्वाणी और श्री पंचायती अटल अखाड़ा का स्नान हुआ। 

इसके बाद जूना अग्नि आवाहन अखाड़ा ने सुबह 8 बजे शाही स्नान किया, निर्मोही अखाड़ा 10 बजकर 40 मिनट पर शाही स्नान करने का समय दिया गया है। 

दिगंबर अखाड़ा का शाही स्नान 11 बजकर 40 मिनट पर होगा। निर्वाणी अखाड़ा 12 बजकर 20 मिनट,  नया पंचायती अखाड़ा का 1 बजकर 15 मिनट पर, बड़ा पंचायती अखाड़ा का शाही स्नान 2 बजकर 20 मिनट पर होगा।
महानिवार्णी और अटल अखाड़े ने 40 मिनट में शाही स्नान किया।

निरंजनी अखाड़े और तपोनिधि अखाड़े ने 41 मिनट में शाही स्नान किया। केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजना ज्योति भी महामंडलेश्वर के रूप में शाही स्नान के लिए पहुंचीं।

शाही स्नान के लिए सबसे पहले संगम तट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी का जुलूस पहुंच चुका है। अखाड़े के देव भगवान कपिल देव तथा नागा संन्यासियों ने अखाड़े की अगुआई की।

महानिर्वाणी अखाड़े के बाद श्री पंचायती अटल अखाड़े के संत, आचार्य और महामंडलेश्वर संगम तट पर शाही अंदाज में पहुंचे और तय समय के मुताबिक पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के संतों ने सबसे पहले संगम तट पर डुबकी लगाई।

कुंभ मेले के दौरान मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा के साथ 4 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व तक कुल 6 स्नान पर्व होंगे, जिसमें से 15 जनवरी मकर संक्रांति, 4 फरवरी मौनी अमावस्या और 10 फरवरी बसंत पंचमी पर्व पर शाही स्नान होगा।

( प्रयागराज से पवनदेव की रिपोर्ट )