सिंधिया मध्य प्रदेश की राजनीति के दिग्गज नेताओं में शुमार हो गए हैं। राज्य में कांग्रेस की सत्ता जाने का पूरा श्रेय सिंधिया को ही जाता है। वहीं राज्य में 2018 में हुए चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की सत्ता में वापसी में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन कांग्रेस में तवज्जो न मिलने के कारण आखिरकार उन्हें कांग्रेस से अलविदा कहना पड़ा था।
नई दिल्ली। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया नई पारी की शुरूआत करेंगे। राज्यसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा में नया रास्ता खुल गया है और माना जा रहा है कि वह जल्द ही केन्द्र में नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। यानी महाराज की जीत के बाद अब उनके राज्याभिषेक की तैयारी शुरू हो गई हैं।
सिंधिया मध्य प्रदेश की राजनीति के दिग्गज नेताओं में शुमार हो गए हैं। राज्य में कांग्रेस की सत्ता जाने का पूरा श्रेय सिंधिया को ही जाता है। वहीं राज्य में 2018 में हुए चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की सत्ता में वापसी में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन कांग्रेस में तवज्जो न मिलने के कारण आखिरकार उन्हें कांग्रेस से अलविदा कहना पड़ा था। लेकिन कांग्रेस के अलविदा होते ही राज्य में कांग्रेस कीं सरकार भी सत्ता से रूखसत हो गई और राज्य में भाजपा ने सरकार बनाई। राज्य में हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में सिंधिया को बड़ा झटका लगा। इस चुनाव में सिंधिया के साथ ही उनकी पत्नी चुनाव हार गई। हालांकि सिंधिया गुट का ये दावा था कि सिंधिया को हराने के लिए कमलनाथ गुट ने विपक्षियों का साथ दिया था। लेकिन अब सिंधिया भाजपा में राज्य की सियासत में और ज्यादा मजबूत होकर उभरे हैं।
15 साल सत्ता में कांग्रेस की वापसी, 15 में गिरी सरकार
राज्य की सत्ता में कांग्रेस ने 15 साल बाद वापसी की। लेकि महज 15 महीने में राज् में कांग्रेस की कमल नाथ सरकार गिर गई। क्योंकि राज्य में सिंधिया समर्थक 22 विधायकों ने कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस लेकर इस्तीफा दे दिया था। जिसके राज्य में शिवराज सिंह की सरकार बनी। इसके बाद भाजपा में नारे लगने लगे महाराज और शिवराज की जोड़ी।
सिंधिया को मिला रिटर्न गिफ्ट
राज्य में कांग्रेस कांग्रेस की सत्ता चले जाने का श्रेय सिंधिया को ही जाता है। लिहाजा राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद सिंधिया को राज्यसभा में भेजकर भाजपा ने उन्हें रिटर्न गिफ्ट दिया है। हालांकि उन्हें पार्टी जल्द ही एक और बड़ा गिफ्ट देने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार में सिंधिया को केन्द्र सरकार में जगह मिल सकती है। राज्य में विधानसभा की 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं और इनमें से 16 सीटें तो सिंधिया के गढ़ कहे जाने वाले ग्वालियर-चंबल में है। लिहाजा भाजपा सिंधिया को कैबिनेट में शामिल कर बड़ा दांव खेल सकती है।
Last Updated Jun 20, 2020, 9:58 AM IST