प्रियंका गांधी की आज आधिकारिक तौर पर राजनीति में इंट्री हो गयी है. प्रियंका को कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया है. जबकि उनके भाई राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष हैं. जाहिर तौर पर प्रियंका की हैसियत पार्टी में दूसरे स्थान पर हो गयी है. भले ही वह राजनीति में सबसे कम अनुभवी हों, लेकिन अब वह संगठन में दूसरे नंबर की सबसे ताकतवर नेता बन गयी हैं. प्रियंका को कांग्रेस कार्यालय में राहुल गांधी के बगल का कमरा आवंटित किया जाएगा.

कांग्रेस की राजनीति में जिस तरह से राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया जाना तय था, वैसे ही प्रियंका गांधी का राजनीति में आना तय था. लेकिन इसके लिए पार्टी भी इंतजार कर रही थी. आगामी लोकसभा चुनाव में कुछ दलों ने कांग्रेस का स्वीकार किया है तो कुछ दलों ने नकारा है. ऐसे में चुनाव के बाद राहुल गांधी का प्रधानमंत्री के तौर पर चुना जाना तय नहीं है. लिहाजा प्रियंका को आगे कर राहुल गांधी ने यूपी से अपना ध्यान हटा लिया है. कांग्रेस संगठन में प्रियंका का पद भले ही महासचिव का हो, लेकिन वह इन 13 महासचिवों में सबसे ज्यादा शक्तिशाली होंगी. कांग्रेस में अध्यक्ष के बाद कोषाध्यक्ष और महासचिव को मजबूत माना जाता है. लेकिन इन महासचिवों में प्रिंयका ही सबसे ज्यादा शक्तिशाली महासचिव होंगी. भले ही राजनैतिक तौर पर अभी तक प्रियंका का पास कोई अनुभव न हो. लेकिन परिवार की राजनीति में प्रियंका के पास खासा अनुभव है.

कांग्रेस में 13 महासचिव हैं और उसमें दो ही महिला महासचिव हैं. पहली अबिंका सोनी और दूसरी प्रियंका गांधी. सूत्रों के मुताबिक प्रियंका को महासचिव नियुक्त करने के साथ ही पार्टी कार्यालय में उनके बैठने के लिए कमरे की व्यवस्था शुरू हो गयी है. कहा जा रहा है कि प्रियंका अगले महीने के शुरूआत में पद ग्रहण करेंगी. लेकिन उनके लिए कमरा राहुल गांधी के बगल में ही तैयार किया जाएगा. इसके पीछे यह तर्क दिया जा रहा है कि राहुल और प्रियंका दोनों के पास एसपीजी की सुरक्षा का घेरा है. लिहाजा अलग- अलग जगह दोनों से मिलने वालों को दिक्कत हो सकती है. इसके लिए एक ही स्थान पर जगह हो तो बेहतर होगा. इससे पार्टी कार्यालय में आने वालों को दिक्कत नहीं होगी. कांग्रेस संगठन में एक कोषाध्यक्ष,13 महासचिव, 11 प्रभारी, 68 सचिव और 4 संयुक्त सचिव हैं. लेकिन इन सब में सबसे ज्यादा ताकतवर नेता प्रियंका गांधी ही होंगी. भले ही प्रियंका गांधी खुलेतौर पर कांग्रेस की राजनीती में ज्यादा सक्रिय न हों, लेकिन पार्टी के भीतर अहम फैसलों में उनसे सलाह मशविरा जरूर लिया था.

अकसर सोनिया के साथ रायबरेली के दौर पर प्रियंका जाती थी और पिछले विधानसभा चुनाव में वह रायबरेली में काफी सक्रिय रही. प्रियंका को पार्टी का महासचिव नियुक्त किए जाने के बाद राज्य की राजनीति में इसके कयास लगने शुरू हो गए हैं कि वह रायबरेली से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ा सकती है. क्योंकि सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं है. आज ही सोनिया गांधी को रायबरेली के दौरे पर जाना था, लेकिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से दौरा रद्द कर दिया. सोनिया गांधी के पार्टी अध्यक्ष रहते राहुल गांधी पार्टी के दूसरे नंबर के ताकतवर नेता माने जाते थे. उस वक्त राहुल पार्टी के उपाध्यक्ष के पद पर थे और पिछले साल ही उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.