नई दिल्ली: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाए गए रॉबर्ट वाड्रा को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। प्रवर्तन निदेशालय की मांग पर अदालत इस मामले की सुनवाई 18 जुलाई को करेगी। 
इस मामले की सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश वकील ने अदालत से अनुरोध किया है कि उन्हें इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कुछ और समय दिया जाए। 
वकील की दलील सुनने के बाद अदालत ने ईडी को मामले की तफ्तीश के लिए और समय दे दिया है। 

पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली हाइकोर्ट ने रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इंकार कर दिया था। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति हीमा कोहली और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की खंडपीठ कर रही है। 

रॉबर्ट वाड्रा और उनके सहयोगी मनोज अरोड़ा ने याचिका में प्राथमिकी के साथ ही धन शोधन रोकथाम अधिनियम के कुछ प्रावधानों को चुनौती दी है। वही केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि यह याचिका सुनवाई योग्य नही है लिहाजा कोर्ट को इस याचिकाओं को खारिज कर देना चाहिए। क्योंकि मामले की जांच अभी चल रही है। इस के आधार पर अदालत को जांच में दखल नहीं देना चाहिए। 

दरअसल यह मामला लंदन स्थित 19 लाख पौंड की संपत्ति की खरीद से जुड़ा हुआ है।