मुंबई। शिवसेना नेता प्रियंका चतुर्वेदी को राज्यसभा का टिकट दिए जाने के बाद शिवसेना के भीतर मराठी और गैरमराठी जंग शुरू हो गई है। प्रियंका को टिक दिए जाने को लेकर शिवसेना के पूर्व सांसद भड़के हुए हैं। हालांकि शिवसेना पहले भी गैरमराठियों को राज्यसभा सांसद बना चुकी है।

प्रियंका चतुर्वेदी पिछले साल ही शिवसेना में शामिल हुई थी और उसके बाद उन्हें पार्टी में प्रवक्ता के पद पर नियुक्त किया गया। प्रियंका को पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का करीबी माना जाता है। हालांकि इससे पहले प्रियंका कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता थीं। हालांकि कांग्रेस में आलाकमान से विवाद होने के बाद उन्होंने पार्टी का अलविदा कह दिया था। हालांकि कांग्रेस का कहना था कि प्रियंका मथुरा सीट से लोकसभा का टिकट चाहती थी। प्रियंका का ताल्लुक मथुरा से है और वह मुंबई में रहती है।

फिलहाल शिवसेना ने उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया है। राज्य में शिवसेना के खाते में महज एक सीट आई है और इस पर प्रियंका चतुर्वेदी को टिकट दिया गया है।  प्रियंका को टिकट दिए के बाद पार्टी में बगावत शुरू हो गई है। औरंगाबाद से शिव सेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने प्रियंका को टिकट दिए जाने पर आपत्ति जताई है। असल में इस सीट पर खैरे राज्यसभा जाने को लेकर लॉबिंग कर रहे थे। लेकिन पार्टी आलाकमान ने प्रियंका को टिकट दिया। जिसके बाद पार्टी में महाठी और गैरमराठी की लड़ाई शुरू हो गई। चर्चा ये भी है कि प्रियंका को टिकट उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे की सिफारिश पर दिया गया है।

हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि शिवसेना ने किसी गैर मराठी को टिकट दिया हो। इससे पहले शिवसेना संजय निरूपम, प्रितीश नंदी और राम जेठमलानी समेत कई गैरमराठियों को उच्च सदन में पहुंचा चुकी है। माना जा रहा है कि खैरे ने पार्टी आलाकमान को अपनी नाराजगी जता दी है कि वह प्रियंका चतुर्वेदी को टिकट दिए जाने को लेकर सहमत नहीं है। खैरे ने कहा कि उन्होंने बालासाहब और उद्धव साहब के साथ कई सालों तक काम किया है।