महाराष्ट्र के पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ में एक ऑटो चालक अपनी मेहनत और लगन से मेयर बन गए है। यह ऑटो चालक जिस शहर की गलियों में रिक्शा चलाता था अब वह उसी शहर का प्रथम नागरिक यानी महापौर चुना गया है।

पिंपरी चिंचवड़ में महापौर और उप महापौर पद के चुनाव में सत्ताधारी भाजप के महापौर पद के उम्मीदवार राहुल जाधव ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी  (एनसीपी) के उम्मीदवार विनोद नढे को बड़े अंतर से हराकर महापौर के पद पर कब्जा कर लिया। भाजपा प्रत्याशी राहुल जाधव को 80 वोट मिले, जबकि उनके विरोधी उम्मीदवार एनसीपी के विनोद नढ़े को सिर्फ 33 वोट मिले। इस चुनाव में दोनों पार्टीयों के तीन-तीन नगर सेवक वोट डालने नहीं गए थे।

राहुल जाधव भले ही आज शहर के महापौर बन गए हों लेकिन उनका का जीवन बहुत परेशानी में बिता है। राहुल जाधव ने 1997 से 2002 के बीच करीब पांच सालों तक पिंपरी-चिंचवड की सड़कों पर रिक्शा चलाते थे। वह दसंवी की परीक्षा पास करने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण आगे पढ़ाई नहीं कर पाये और रिक्सा चलाना शुरु कर दिया।   

राहुल अपनी राजनीति के शुरुआती दिनों में राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के साथ जुड़ गए थे। 2012 में राहुल एमएनएस के उम्मीदवार के तौर पर पहली बार नगर सेवक बने। पांच साल मनसे के साथ रहने के बाद उन्हें मनसे की राजनीत रास नहीं आई और उन्होंने मनसे छोड़ने का फैसला कर लिया।

राहुल जाधव उसके बाद 2017 में भाजपा के साथ जुड़ गए उसके बाद भाजपा ने मेयर के लिए हो रहे चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की और शहर के मेयर बन गए। उपमहापौर के पद पर भी भाजपा का कब्जा हो गया और यहां से सचिन चिंचवडे उपमहापौर चुने गए।