नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की सबसे चर्चित सीट अमेठी गलत कारणों से चर्चा में है। यहां के संजय गांधी अस्पताल में गंभीर हालत में लाए गए एक मरीज का इलाज करने से इनकार कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज इसलिए नहीं किया गया क्योंकि उसके पास मोदी सरकार का दिया हुआ आयुष्मान कॉर्ड था। उनका आरोप है कि अस्पताल के डॉक्टर ने यह कहते हुए उनके मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया कि यह कांग्रेस और राहुल गांधी का अस्पताल है। इलाज के अभाव में 26 अप्रैल को मरीज की मौत हो गई। 

मृतक के भतीजे ने दावा किया कि हम उन्हें संजय गांधी अस्पताल ले गए। हमने कहा कि आयुष्मान कार्ड है, इलाज कर दीजिए। तो उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस का, राहुल जी का है, ये योगी और मोदी का अस्पताल नहीं है। यहां आयुष्मान कार्ड नहीं चलेगा। 

जब चाचा की तबियत के बारे में पूछा गया तो पीड़ित परिवार ने बताया कि चाचा का 26 अप्रैल को देहांत हो गया। जब उनसे पूछा गया कि इसकी शिकायत नहीं की तो पीड़ित परिवार ने कहा कि हमने आयुष्मान कार्ड पर दी गई हेल्पलाइन में कॉल किया था। उन्होंने बताया कि वहां इसका ऑफिस है। हमने पता किया तो किसी ने ऑफिस भी नहीं बताया। उन्होंने कहा, हम अनजान आदमी हैं। बहुत पढ़े-लिखे भी नहीं हैं। 

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जब उनसे पूछा गया कि किसने आयुष्मान कॉर्ड चलाने से इनकार किया। इस पर पीड़ित परिवार ने डॉ. सिद्धार्थ का नाम लिया। उन्होंने कहा, डा. सिद्धार्थ ने कहा कि योगी-मोदी की सरकार है लेकिन यह कांग्रेस का, राहुल गांधी का अस्पताल है। यह संजय गांधी अस्पताल है। यहां कार्ड नहीं चलेगा। पीड़ित परिवार के मुताबिक, हमने उनके हाथ पैर भी जोड़े। हमारे साथ 400-500 लोग थे। हमारा मरीज सीरियस था नहीं तो हम वीडियो बनवाते। पीड़ित परिवार के मुताबिक, 'अब उनका परिवार अनाथ हो गया है। उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं।' 

इस वीडियो को अमेठी से भाजपा की प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, 'आज मैं निशब्द हूं - कोई इतना गिर सकता है यह कभी नहीं सोचा था। एक गरीब को सिर्फ इसलिए मरने दिया क्योंकि उसके पास मोदी का आयुष्मान कार्ड था पर अस्पताल राहुल गांधी का था।'