जयपुर। कहते हैं कि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। राजस्थान विधानसभा चुनाव  में यह बता सही साबित हो रही है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने 10 सीटों पर जिन उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। उसमें से एक सीट पर उम्मीवार का नाम सबको चौंका रहा है। लिस्ट में हनुमान बेनीवाल खींवसर सीट से प्रत्याशी बनाए गए हैं, जबकि मौजूदा समय में उस सीट से विधायक उनके ही भाई नारायण बेनीवाल हैं। ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा चल रही है कि ऐसी क्या बात हो गई कि हनुमान बेनीवाल ने अपने ही भाई का टिकट काट दिया।

बीजेपी की तर्ज पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने लिया ये फैसला

सियासी जानकारों का कहना है कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने यह फैसला बीजेपी की तर्ज पर लिया है। यही वजह है कि हनुमान बेनीवाल खुद सांसद हैं। फिर भी अपने भाई की सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। संभव है कि व​ह राज्य की किसी दूसरी सीट से अपने भाई नारायण बेनीवाल को मैदान में उतारे। दूसरी ओर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने तय किया है कि वह आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके पूरे प्रदेश में चुनाव लड़ेगी।

इन 10 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान

राजस्थान में चुनावी सरगर्मियों के बीच सियासी दल अपने अपने पैंतरे आजमा रहे हैं। बीजेपी ओर कांग्रेस अपने प्रत्याशियों की तीन सूची जारी कर चुकी हैं। देर रात राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की लिस्ट जारी की। उसमें सबसे अहम खींवसर सीट है। जिससे हनुमान बेनीवाल चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। परबतसर से लच्छाराम बडारड़ा, भोपालगढ़ से पुखराज गर्ग, कोलायत से रेवत राम पंवार, मेड़ता से इंदिरा देवी बावरी, सहाड़ा से बद्रीराम जाट, जोधपुर शहर से अजय त्रिवेदी, बायतू से उम्मेदराम बेनीवाल, सरदारशहर से लालचंद मूंड और सांगानेर से महेश सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है।

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