नेशनल डेस्क।  राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी की अंदरूनी कहल खुलकर सामने आने लगी है। जहां पार्टी का सांसदों को चुनाव लड़ाने का फैसला फुस्स होते दिखाई दे रहा है। पार्टी की ओर से जारी की गई 83 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट में एक भी सासंद को टिकट नहीं दिया गया है। जबकि पहले 41 उम्मीदवारों की सूची में 7 सात सांसदों को विधायकी लड़ने उतारा गया था। कयास लगाए जा रहे थे कि पार्टी करीब 25 सांसदों को टिकट दे सकती है लेकन भारी विरोध के चलते बीजेपी अब बैकफुट पर है। 

BJP ने पुराने नेताओं पर लगाया दांव

83 उम्मीदवारों की लिस्ट में बीजेपी ने पुराने नेताओं पर फिर से विश्वास जताया है जिनका नाम जयपुर की लिस्ट से काट दिया गया था और उनकी जगह सांसदों को टिकट दिया गया था। बता दें, जयपुर के विद्याधर नगर से टिकट मांगने वाले नरपत सिंह राजवी को चित्तौड़गढ़ से टिकट दिया गया है। बता दें, यहां सांसद दीया कुमारी को पार्टी ने टिकट दिया था। ध्यान देने वाली है दूसरी लिस्ट में वसुंधरा राजे का नाम तो फाइनल कर दिया गया लेकिन उनके गुटों और करीबियों की टिकट काट दिए गए है। 


फेल हुआ सांसदों को चुनाव लड़ाने का फॉर्मूला

सांसदी छोड़ विधायकी लड़ाने का फैसला बीजेपी के लिए गले फांस बन गया था। पार्टी ने पहली लिस्ट में जिन 7 सांसदों को टिकट दिया था। उनमें से 5 विरोध झेलना पड़ा। सांसद दिया कुमारी, सांसद राज्यवर्धन सिंह, सांसद देव जी पटेल और किरोडी लाल मीणा समेत अन्य दो सांसदों का विरोध बीजेपी के स्थानीय नेता कर रहे थे। यह विरोध कई दिनों तक जारी रहा। बगावतियों को काबू करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को राजस्थान आना। इसके बाद हालत में थोड़ी से सुधार आया। बहराहल दूसरी लिस्ट में भी वसुंधरा खेमे के कई नेताओं का टिकट काट दिया गया। जिससे कयास लगाएं जा रहे हैं, बीजेपी के अंदर एक-बार फिर खींच-तान देखने को मिल सकती है। 

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