जयपुर। राजस्थान में इस समय सरकारी मेहमान बने एक बकरे की चर्चा हो रही है। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के कर्मचारी उसकी तीमारदारी कर रहे हैं। बकरे को खिलाने के लिए अपनी जेबें ढीली कर रहे हैं। मामला इतना दिलचस्प हो गया है कि मीडिया में बकरें को लेकर खबरें सुर्खियों मे हैं। अब बकरे को नीलाम करने की तैयारी की जा रही है। यह रोचक मामला प्रदेश के सवाई माधोपुर जिले का है।  

क्या है मामला?

दरअसल, बीती 9 अगस्त को सवाई माधोपुर जिले की फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम ने एक बकरे को पकड़ा था, जो वन विभाग के कार्यालय में घुस आया था और विभाग के फूल और फलों का लुत्फ उठा रहा था। टीम ने बकरे को मालिक को भी गिरफ्त में लेने की कोशिश की, जो मौके की नजाकत को भांपते हुए फरार हो गया। नतीजतन, बकरे को वन विभाग ने जब्त कर लिया। सरकारी दस्तावेजों में इस बाबत लिखी पढ़ी भी कर दी। 

बकरे के मालिक न आया और न ही दिया नोटिस का जवाब

फिर वन विभाग ने नियमानुसार अपनी कार्यवाही शुरु की। बकरे के मालिक को जुर्माना भरने के लिए दो बार नोटिस भी भेजा। पर बकरे के मालिक ने वन विभाग के नोटिस का संज्ञान लेने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। नोटिस का जवाब तक नहीं भेजा। इधर, वन विभाग के कर्मचारी बकरे की देखभाल में जुटे रहें। दिन में तीन बार बकरे को पानी और चारा देना उनकी रूटीन बन गया। बताया जा रहा है कि वन विभाग अब उसी बकरे को नीलाम करने की तैयारी कर रहा है।

सरकारी खजाने में जमा होगी नीलामी की धनराशि

वन विभाग के कर्मचारी बकरे की देखभाल कर रहे हैं। बकरे को खिलाने के लिए जरुरी इंतजाम करते हैं। उसमें कर्मचारियों को अपना ही पैसा खर्च करना पड़ रहा है। अब नीलामी के बाद ही उन्हें इस बकरे से छुटकारा मिल सकेगा। पर नीलामी से हुई आय सरकारी खजाने में जमा होगी।

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