कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सबसे करीबी अफसरों में शुमार आईपीएस अफसर राजीव कुमार की अब गिरफ्तार तय है। क्योंकि सीबीआई ने ने राजीव कुमार को शनिवार को कार्यालय में तलब किया था। लेकिन राजीव कुमार नहीं पहुंचे। हालांकि राजीव कुमार ने अपनी पत्नी की बीमारी का हवाला देते हुए एक महीने की मोहलत मांगी है।

राजीव कुमार के खिलाफ पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया जा चुका है और उनके देश से भागने की उम्मीद कम है। असल में राजीव कुमार पश्चिम बंगाल में हुए सारदा चिटफंड घोटाले के लिए सीबीआई के आदेश के बाद बनाई गई एसआईटी के प्रमुख थे। इस घोटाले में राज्य की सत्ताधारी टीएमसी के कई नेता शामिल थे और कई नेता जेल भी जा चुके थे।

सीबीआई का आरोप है कि राजीव कुमार ने इस घोटाले से जुड़े तथ्यों और सबूतों से छेड़छाड़ की है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद राजीव कुमार से पूछताछ की गई। गौरतलब है कि राजीव कुमार के घर जब कुछ महीने पहले सीबीआई गिरफ्तारी के लिए पहुंची थी तो उस वक्त राज्य की मुख्यमंत्री उनके पक्ष में वहां पर धरने पर बैठ गई थी। जिसके बाद राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था।

फिलहाल राजीव कुमार सीबीआई के समन के बावजूद शनिवार को उसके दफ्तर नहीं पहुंचे। राजीव कुमार ने सीबीआई को ई-मेल भेजकर अपनी पत्नी की बीमारी का हवाला देते हुए मोहलत मांगी है। राजीव कुमार ने इसके लिए एक महीने की मोहलत मांगी है। हालांकि सीबीआई ने मोहलत देने से इंकार कर दिया है। असल में कोलकाता हाईकोर्ट ने राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगाई गई रोक को रद्द कर दिया था।

हालांकि कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई के पास राजीव कुमार को गिरफ्तार करने के लिए मजबूत तर्क होने चाहिए। जिसके बाद सीबीआई ने उन्हें तलब किया था। अब राजीव कुमार के सीबीआई के सामने पेश न होने के बाद उनका गिरफ्तार होना तय माना जा रहा है। शुक्रवार को ही सीबीआई ने राजीव कुमार के घर पर उन्हें सीबीआई दफ्तर में आने के लिए नोटिस दिया था। फिलहाल राजीव कुमार कहां है इसकी किसी को जानकारी नहीं है और उनका मोबाइल बंद है।