सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कंप्यूटरों की निगरानी के लिए 10 एजेंसियों को सरकार की ओर से अधिकृत करने का बचाव किया है। उन्होंने कहा, यूपीए सरकार ने भी इसी तरह का कदम उठाया था। राठौड़ ने कांग्रेस से कहा कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्वित करने के लिए उठाए गए कदमों पर‘पाखंड’नहीं करे।

राठौड़ ने 2013 के एक आरटीआई जवाब का उल्लेख किया जब कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार सत्ता में थी। राठौड़ ने कहा कि संप्रग दो के दौरान प्रति महीने 9000 फोन और 500 ईमेल टैप किए गए। राठौड़ 2009-2014 के दौरान के यूपीए के दूसरे कार्यकाल का उल्लेख कर रहे थे। 

उन्होंने ट्वीट किया, ‘2013 के आरटीआई जवाब से खुलासा हुआ कि यूपीए-2 के दौरान 9000 फोन और 500 ईमेल प्रति महीने टैप किए गए। यह एक दिन में 300 फोन और 20 ईमेल होते हैं। आपातकाल और पोस्ट आफिस संशोधन विधेयक के इतिहास के साथ कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर पाखंड नहीं करना चाहिए।’

भाजपा नीत राजग सरकार के 10 केंद्रीय एजेंसियों को किसी भी कंप्यूटर सिस्टम में रखे गए सभी डेटा की निगरानी करने और उन्हें देखने के अधिकार देने के निर्णय की विपक्षी पार्टियों ने आलोचना की है। वहीं वित्त मंत्री अरूण जेटली सहित सरकार के शीर्ष मंत्रियों ने कहा कि ऐसा संप्रग सरकार की ओर से बनाए गए नियमों के अनुरूप किया गया है।