पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी ठहराया था और दिसंबर 2019 में दिल्ली की कोर्ट ने सेंगर को आजीवन कारावास की सजाई थी। लिहाजा सजा सुनाए जाने के बाद आज विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के तौर पर सेंगर को अयोग्य घोषित कर दिया है।
लखनऊ। बकात्कार के आरोप में सजायाफ्ता और भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर को उत्तर प्रदेश विधानसभा ने आयोग्य घोषित कर दिया है। सेंगर उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा सीट से चार बार विभिन्न दलों से विधायक रह चुका है। सेंगर ने मार्च 2017 में बांगरमऊ विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था। लिहाजा अब उत्तर प्रदेश के विधानसभा में एक और सीट खाली हो गई है। कुछ दिन पहले ही चुनाव आयोग ने सपा विधायक अब्दुल्ला आजम खान की विधायकी रद्द करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था।
पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बलात्कार के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने दोषी ठहराया था और दिसंबर 2019 में दिल्ली की कोर्ट ने सेंगर को आजीवन कारावास की सजाई थी। लिहाजा सजा सुनाए जाने के बाद आज विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के तौर पर सेंगर को अयोग्य घोषित कर दिया है। सेंगर ने उन्नाव जिले के बांगरमऊ विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया था और वह चार बार विभिन्न राजनैतिक दलों से विधायक चुना गया था।
भाजपा ने पिछले साल सेंगर को पार्टी से निष्कासित किया था। क्योंकि उस वक्त ये मामला मीडिया में उछला था। लेकिन जब बलात्कार पीड़ित लड़की पर हमला हुआ था तो उसके बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया और सीबीआई से जांच करने का आदेश दिया। हालांकि पहले यूपी सरकार पर सेंगर को बचाने के आरोप लगे थे। इसके बाद दिल्ली की अदालत ने सेंगर को उन्नाव में लड़की के अपहरण और बलात्कार के लिए दोषी ठहराया था। आज प्रमुख सचिव (विधान सभा), प्रदीप कुमार दुबे ने एक अधिसूचना जारी कर कह है कि विधानसभा ने सेंगर की विधायकी की रद्द कर दिया है। इस आदेश के तहत सेंगर को 20 दिसंबर, 2019 से अयोग्य माना गया है।
Last Updated Feb 25, 2020, 9:06 PM IST