अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) का ये अहम फैसला माना जा रहा है। क्योंकि अभी तक कैमिस्ट्री अनिवार्य थी। जिसके चलते छात्रों को इस विषय को जरूरी पढ़ना पड़ता था और इसके कारण छात्रों का समय भी बर्बाद होता था। जबकि छात्रों को बीटेक में मैथ्स और फिजिस्स की पढ़नी पड़ती थी।
नई दिल्ली। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने एक अहम फैसला सुनाते हुए देश में बीटेक और बीई पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए रसायन विज्ञान की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। इससे देशभर के लाखों छात्रों को राहत मिली है। कुछ राज्यों में इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए अपनी प्रवेश प्रक्रिया चल रही है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) का ये अहम फैसला माना जा रहा है। क्योंकि अभी तक कैमिस्ट्री अनिवार्य थी। जिसके चलते छात्रों को इस विषय को जरूरी पढ़ना पड़ता था और इसके कारण छात्रों का समय भी बर्बाद होता था। जबकि छात्रों को बीटेक में मैथ्स और फिजिस्स की पढ़नी पड़ती थी। वर्तमान में, इंजीनियरिंग के लिए भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित जरूर था।
तकनीकी शिक्षा नियामक के मुताबिक शैक्षणिक सत्र 2020-21 में बीटेक और बीई की डिग्री हासिल करने के लिए भौतिकी और गणित अनिवार्य होगा, दोनों में से कोई भी वैकल्पिक विषय वाले छात्र भी प्रवेश के लिए पात्र होंगे। इस संबंध में सभी मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेजों को एआईसीटीई द्वारा आदेश भेजा गया है। देश में हर साल लाखों बच्चे इंजीनियरिंक की परीक्षा देते हैं। अधिकांश इंजीनियरिंग कॉलेज राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित जेईई (मुख्य) के आधार पर प्रवेश लेते हैं, कुछ राज्यों में इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए अपनी प्रवेश प्रक्रिया है।
वर्तमान में लगभग 3,000 संस्थान इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में 13.2 लाख स्नातक डिग्री प्रदान करते हैं। अगर इसमें आर्किटेक्चर, डिजाइन, प्लानिंग और टाउन प्लानिंग जैसे कोर्स शामिल किए जाएं तो इनकी संख्या लगभग दोगुनी होगी।
Last Updated Feb 13, 2020, 11:09 AM IST