जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस के बागी सचिन पायलट और उनके समर्थक मंत्रियों को राज्य की अशोक गहलोत कैबिनेट से हटाने और सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद राज्य में उनके समर्थकों पर गाज गिरनी शुरु हो गई है। राज्य में युवक कांग्रेस अध्यक्ष को पद से हटा दिया गया जबकि राज्य के पाली जिला से कांग्रेस प्रमुख चुन्नीलाल ने अपने पद से इस्तीफा दे कर कांग्रेस को झटका दिया है। वहीं कांग्रेस के कई नेता सचिन पायलट के समर्थन में उतर गए हैं।

राज्य में सचिन पायलट के बागी होने के बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट को प्रदेश अध्य़क्ष के पद से हटा दिया था और उन्हें राज्य की अशोक गहलोत कैबिनेट से भी हटा दिया गया था। सचिन के साथ ही उनके दो समर्थक मंत्रियों को कांग्रेस से पद से हटाकर झटका दिया था। लेकिन अब राज्य में पायलट समर्थक नेताओं के इस्तीफा देने का दौर शुरू हो गया है। वहीं कांग्रेस भी उनकी किसी भी समर्थक को पार्टी में रखना नहीं चाहती है। लिहाजा पायलट समर्थक युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया गया है।

जबकि पाली जिले के जिलाध्याक्ष चुन्नीलाल चड़वास ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट को अलोकतांत्रि​क तरीके से राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाया गया है और वह इसका विरोध जताते हैं और इसलिए पद से इस्तीफा दे रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने वाले सचिन पायलट के साथ जा चुके प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मुकेश भाकर को उनके पद से हटा दिया गया है। युवक कांग्रेस के पद पर अब गणेश घोघरा को नियुक्त किया गया है। 

पायलट के समर्थन में उतरे नेता

सचिन पायलट को पद से हटाए जाने के बाद उनके करीबी मित्र और कांग्रेस के नेता जितिन प्रसाद ने भी प्रतिक्रिया दी है। प्रसाद ने कहा कि इस तथ्य को कोई नहीं गलत ठहरा सकता कि सचिन ने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की थी। वहीं कांग्रेस की नेता और पूर्व सांसद प्रिया दत्त ने कहा कि युवा नेताओं को मौका मिलना चाहिए।

एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष को भी हटाया

कांग्रेस ने सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले अभिमन्यु पूनिया को राजस्थान एनएसयूआई के अध्यक्ष पर से हटा दिया है और उनके बदले इस पद पर अभिषेक चौधरी राजस्थान एनएसयूआई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है।