Where is Subrata Roy Family now: सहारा श्री के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। उनके अंतिम समय में परिवार उनके साथ नहीं था। न ही पत्नी और न ही बेटा। कानूनी अड़चने आने के बाद उनका परिवार विदेश में बस गया था।
Where is Subrata Roy Family now: सहारा श्री के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। उनके अंतिम समय में परिवार उनके साथ नहीं था। न ही पत्नी और न ही बेटा। कानूनी अड़चने आने के बाद उनका परिवार विदेश में बस गया था। बताया जा रहा है कि सुब्रत राय की पत्नी स्वप्ना राय और बेटो सुशांतों और सीमांतो कई साल से विदेश में रह रहे हैं। आइए उनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
कहां रहता है सहारा चीफ सुब्रत राय का परिवार?
सहारा श्री सुब्रत रॉय का मुंबई के कोकिलाबेन अस्तपाल में बीत रात निधन हो गया। वह भारत के बड़े कारोबारियों में गिने जाते थे। सहारा इंडिया परिवार की स्थापना करने वाले सुब्रत रॉय के निधन पर राजनीतिक और फिल्मी हस्तियों ने शोक जताया है। बताया जा रहा है कि सुब्रत राय के अंतिम समय में उनकी पत्नी या बेटे कोई भी उनके साथ नहीं थे। फिर सुब्रत रॉय का परिवार कहां रहता है?
सहाराश्री सुब्रत रॉय के परिवार ने ली थी विदेश की नागरिकता
दरअसल, सुब्रत रॉय के कानूनी अड़चनों में फंसने के बाद उनकी पत्नी स्वप्ना रॉय और बेटे सुशांतो रॉय ने भारत की नागरिकता छोड़ दी थी और बॉल्कन देश मैसेडोनिया के नागरिक बन गए थे। सुब्रत रॉय के खिलाफ निवेशकों का पैसा वापस लौटाने को लेकर केस चल रहे थे। ऐसे में उनके परिवार ने खुद को भारत के कानून से बचाने के लिए यह राह चुनी।
मैसेडोनिया में निवेश के आधार पर सिटीजनशिप
दक्षिण पूर्वी यूरोप में स्थित मैसेडोनिया एक नया देश है, यहां लोगों को निवेश के आधार पर नागरिकता दी जाती है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मैसेडोनिया की नागरिकता लेने वाले लोगों को
सिर्फ 4 लाख यूरो के निवेश का ऐलान और 10 स्थानीय लोगों को नौकरी देनी होती है। सिर्फ इतने भर से किसी को भी मैसेडोनिया की नागरिकता मिल जाती है। मैसेडोनिया के रियल एस्टेट में 40 हजार यूरो से अधिक का निवेश करने पर भी विदेशी व्यक्ति को एक साल तक रहने का अधिकार मिल जाता है। इसकी वजह मैसेडोनिया में बढ़ती बेरोजगारी है।
मैसेडोनिया के राजकीय अतिथि रह चुके थे सुब्रत रॉय सहारा
रिपोर्ट्स बताते हैं कि मैसेडोनिया के साथ सहाराश्री सुब्रत रॉय के संबंध काफी मधुर थे। मैसेडोनिया के राजकीय अतिथि रह चुके सुब्रत रॉय ने वहां मदर टेरेसा की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित कराने का भी प्रयास किया था। कभी युगोस्लाविया का हिस्सा रहा मैसेडोनिया साल 1991 में आजाद हुआ था।
Last Updated Nov 15, 2023, 11:35 AM IST