भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है। इस कानून के बनने के बाद अब आर्थिक अपराधियों के लिए भागना आसान नहीं होगा।

एक आधिकारिक आदेश के अनुसार भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इस नए कानून से विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे, बड़े आर्थिक अपराधों में शामिल लोगों को देश से भागने और कानून से बचने से रोका जा सकेगा। माल्या और मोदी की आर्थिक अपराधों में तलाश है। दोनों ही देश छोड़कर जा चुके हैं। दोनों के मामलों की जांच सीबीआई कर रहा है।

भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक राज्यसभा में 25 जुलाई 2018 को पारित हुआ था और लोकसभा ने इसे 19 जुलाई को मंजूरी दी थी।

इस कानून के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि इस कानून का मकसद बड़े अपराधियों को पकड़ना है जिन्होंने बैंकों के साथ बड़ा फ्राड किया है। 

इस नए अध्यादेश के अनुसार, सरकार देश और विदेश में माल्या और उसके जैसे बड़े आर्थिक अपराधियों से जुड़ी सभी संपत्तियों को तत्काल जब्त कर सकती है। यह कानून कहता है, 'जब्ती आदेश की तारीख से जब्त की गई सभी संपत्तियों का अधिकार केंद्र सरकार के पास रहेगा.'