सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या मामले पर बेंच गठित करने के फैसले के बाद अलग-अलग नेताओं के राम मंदिर पर बयान आने शुरू हो गए हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला बयान नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की तरफ से आया है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए और इसका समाधान निकाला जाना चाहिए।
अयोध्या मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच 10 जनवरी से सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई वाली दो जजों की बेंच ने शुक्रवार को कहा कि इसके लिए जजों का ऐलान 6 या 7 जनवरी को किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद नेताओं के राम मंदिर को लेकर बयान आने शुरू हो गए हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला बयान नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की तरफ से आया है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए और इसका समाधान निकाला जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, इस मामले को कोर्ट में ले जाने की क्या जरूरत है? मुझे पूरा भरोसा है कि बातचीत के जरिये इसे सुलझाया जा सकता है। अब्दुल्ला ने कहा कि भगवान राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं हैं, वह पूरी दुनिया के हैं। उन्होंने कहा, 'भगवान राम से किसी को बैर नहीं है। किसी को उनसे बैर नहीं होना चाहिए। बल्कि कोशिश यह होनी चाहिए कि मामला जल्द सुलझाया जाए। जिस दिन ऐसा हो जाएगा, मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊंगा।'
हालांकि इस दौरान अब्दुल्ला ने भाजपा पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछले पौने पांच साल में कुछ भी नहीं किया। उन्होंने कहा, 'मंदिर बनाने से भाजपा का कोई मतलब नहीं है। ये लोग सिर्फ कुर्सी पर बैठने के लिए मंदिर की बात उठाते हैं।'
Farooq Abdullah on Ayodhya issue: Bhagwan Ram se kisi ko baer nahi hai na hona chahiye. Koshish karni chahiye suljhane ki aur banane ki. Jis din ye ho jayega main bhi ek patthar lagane jaaonga. Jaldi samadhaan hona chahiye https://t.co/eIBPpvpr8G
— ANI (@ANI) January 4, 2019
उधर, इस मामले के एक पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि अयोध्या मामले का समाधान कोर्ट से ही होना चाहिए। अंसारी ने मंदिर मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी के बयान का समर्थन भी किया। पीएम ने कहा है कि इस मामले पर कानून प्रक्रिया पूरी होने का इंतजार किया जाना चाहिए। वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह मान्य होगा। उधर, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि पीएम मोदी के बयान पर इस मामले पर किसी भी टिप्पणी की जरूरत नहीं रह जाती है।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि फारुक अब्दुल्ला ने जिस तरह से आज भगवान राम के मंदिर का पक्ष लिया है, उसी तरह हर राजनेता को इस पर आगे आना चाहिए।
Last Updated Jan 4, 2019, 3:39 PM IST