नई दिल्ली- केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के पुरानी परंपरा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है। पुलिस की इस कार्रवाई की हकीकत जान आप अचंभे में पड़ जाएंगे। 

सबरीमाला मंदिर मामले में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही ऐसी ही पुलिसिया करतूत सामने आई है राजधानी तिरुअनंतपुरम से, जहां पुलिस ने तीन नाबालिग बच्चों पर जुल्म ढाया है। हैरत तो यह कि इसमें सात महीने का एक बच्चा भी शामिल है, पुलिस ने उसे उसकी मां के हाथों से झपट लिया। पुलिसवालों ने मार-मार कर उसकी मां को लहूलुहान कर दिया जबकि उसके 36 साल के पिता को गिरफ्तार कर लिया। 

दिल दहलाने वाली इस घटना में पीड़ित बच्चे की 6 साल की बहन ने नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट यानी कि एनसीपीसीआर में शिकायत दर्ज कराई है। 

माय नेशन के पास शिकायत की कॉपी है लेकिन हम परिवार की सुरक्षा के लिहाज से पीड़ितों का नाम उजागर नहीं कर रहे। परिवार दहशत के साये में जी रहा है। 

शिकायत के मुताबिक 8 नवंबर को "रात को साढे़ 9 बजे अचानक तिरुअनंतपुरम जिले के पालोडे पुलिस थाने की 30 सदस्यीय टीम हमारे घर में घुस गई। उन्होंने बेरहमी से मेरे मां-बाप को मारा। मेरे पिता की उम्र 36 साल है। जब तीनों बच्चे पुलिसवालों से बचने के लिए मां-पापा के पास भागे तो पुलिस वालों ने हमें गाली देना शुरू कर दिया। उन्होंने हमें थप्पड़ और पेट तक में लात मारी।"

भाई-बहनों में सबसे बड़ी 6 साल की लड़की ने शिकायत में आपबीती बताई है "मेरी मां की गोद से 6 महीने की मेरी छोटी बहन को पुलिसवालों ने झपट लिया। मेरी मां रहम की भीख मांगती रही कि वो छोटी बच्ची को नुकसान न पहुंचाएं लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा। वो मां से बच्ची के लिए छीना-झपटी करते रहे।"

6 साल की इस मासूम बच्ची ने एनसीपीसीआर को दी शिकायत में बताया है कि "पुलिस द्वारा पीटे जा रहे मेरे पिता की तरफ जब चार साल का मेरा भाई भागा तो निर्दयी पुलिस वालों ने उससे भी बेरहमी की। पुलिस वालों ने उसे थप्पड़ मारा, और तो और उसे लातों से धकेल दिया।"

शिकायत में नाबालिग बच्ची बताती है कि पुलिस वालों ने पूरा घर और फर्नीचर तहस-नहस कर दिया, " मेरे पिता को साथ ले जाने से पहले उन्होंने मेरे घर को पूरी तरीके से बिखेर दिया। मेरी मां के देह से खून बह रहा था और हम छोटे-छोटे बच्चे सदमें में सुबक रहे थे। मैं औरा मेरा भाई खौफ के साये में जी रहा है। जिस तरह से पुलिस ने बर्ताव किया उससे हम सिहर उठते हैं।"

पीड़ित नाबालिग बच्ची ने शिकायत पत्र में मांग की है कि "एनसीपीआर मामले की जांच के लिए स्पेशल टीम भेजे और निर्दयता करने वाले पुलिस वालों के खिलाफ एफआईर दर्ज करे ताकि एनसीपीसीआर की इस कार्रवाई के बाद भविष्य में राज्य पुलिस इस तरह की जुर्रत ना करे।"