लखनऊ। कई महीनों तक आम आदमी के पहुंच से दूर रहा प्याज अब सस्ता हो गया है। सरकार विदेशों से आयातित प्याज को बेच रही है। लेकिन उसे खरीदार नहीं मिल रहे हैं। प्याज बेचने वाले एजेंसी काउंटर लगाकर प्याज बिकवा रही है। लेकिन खरीददार महंगा प्याज लेने को तैयार नहीं है क्योंकि आयातित प्याज महंगा है। लिहाजा अब उत्तर प्रदेश के उद्यान विभाग ने प्याज न बेच पाने के कारण अपनी कर्मचारियों की सेलरी को रोक दिया है। जिसके कारण कर्मचारियों की दिक्कतें बढ़ी हुई हैं।

पिछले कुछ दिनों से प्याज की कीमत कम हुई है। अब बाजार में प्याज 50 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। हालांकि देश में प्याज की सप्लाई के लिए केन्द्र सरकार ने विदेशों से प्याज का आयात किया था। ताकि देश में कीमत कम हो सके। पिछले दिनों ही केन्द्र सरकार ने कहा था कि राज्य प्याज का उठान नहीं कर रहे हैं। हालांकि उत्तर प्रदेश ने प्याज का उठान किया था और इसे वह काउंटर लगाकर बेच रही थी। लेकिन अब यही प्याज  उसके लिए मुसीबत बन गया है। क्योंकि उद्यान विभाग जिस कीमत पर प्याज  बेच रहा है। उसे लेने के लिए कोई तैयार नहीं है।

क्योंकि प्याज की कीमत बाजार की कीमत से ज्यादा है। बाजार में देसी प्याज सस्ता होने के कारण विदेशी प्याज को कोई नहीं पूछ रहा है। लिहाजा शासन ने विक्रय केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है और आदेश दिया है कि जब तक प्याज नहीं बिकता है तब तक उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा। जबकि उद्याग विभाग प्याज 60 रुपये प्रति किलोग्राम बेच रहा है। वहीं बाजार में प्याज की कीमत 50 रुपये है। उद्यान विभाग ने  लखनऊ समेत 10 जिलों में इस प्याज की आपूर्ति के लिए काउंटर खोले हैं। गौरतलब है कि पिछले दिनों प्याज की कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी।