जिन तीन दोषियों की तरफ से फांसी की सज़ा पर पुनर्विचार याचिका डाली गई थी कोर्ट ने उनकी सज़ा बरकरार रखी है। विनय, पवन और मुकेश की तरफ से ये याचिका दायर की गई थी जबकि अक्षय ने याचिका नहीं डाली थी। इन चारों को जघन्य अपराध के लिए फांसी की सज़ा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने तीन दोषियों की तरफ से दायर की गई याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले की सुनवाई के दौरान दोषी पक्ष की तरफ से ये दलील दी गई थी कि वो गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं और आदतन अपराधी नहीं है, उन्हें सुधरने का मौका दिया जाय। देश की आला अदालत के इस फैसले के बाद अब ये साफ हो गया है कि निर्भया के गुनहगारों की सज़ा को उम्रकैद में नहीं बदला जायेगा।