नई दिल्ली। देश में कोरोना का कहर जारी है और देश में कोरोना संक्रमण के मामले रोजाना 50 हजार से ज्यादा आ रहे हैं और अब देश में संक्रमितों की संख्या 17.50 हजार पार हो गई है। वहीं देश के सभी राज्यों में कोरोना का कहर जारी है। भारत कोरोना संक्रमितों की संख्या के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है और अब वैज्ञानिकों ने किया खुलासा किया है कि किन घरों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने रिसर्च की और इसके आधार पर पता लगाया है कि किन घरों में कोरोना का कहर सबसे ज्यादा है।

देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। देश के सभी राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। हालांकि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले में सुधार हुआ है। लेकिन देश के अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में चिंता बढ़ा दी है। देश में कोरोना मरीजों की संख्या 17 लाख के पार पहुंच गई है और अब तक 37 हजार से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है। अब विशेषज्ञों का कहना है कि जिन घरों में वेंटिलेशन कम है वहां कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। अब अमेरिका की मिनेसोटा यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने रिपोर्ट पेश की है और इसके मुताबिक छोटे और बंद स्थान पर कोरोना का संक्रमण ज्यादा है और ये हवा में अधिक समय तक रहता है। इसके साथ ही इस संक्रमण के ड्रॉपलेट्स अलग-अलग जगहों पर चिपकते भी हैं।

फिलहाल कोरोना वायरस के बारे में पिछले कुछ महीनों में अलग-अलग संस्थाओं की कई रिपोर्ट सामने आए हैं और इसमें ज्यादातर वैज्ञानिकों ने माना है कि कम हवा वालों इलाकों में कोरोना का संक्रमण ज्यादा देर तक रहता है।  वैज्ञानिकों का कहना है कि छोटे घरों में कोरोना महामारी का खतरा वहां रहने वाले लोगों के लिए खतरा है। क्योंकि बड़े और हवादार घरों में रहने वालों में कोरोना संक्रमण का खतरा बंद घरों में रहने वाले लोगों की तुलना में कम है। वैज्ञानिकों का कहना है कि छोटे घरों के अंदर की हवा घर में घूमती रहती है जबकि खुले घरों में हवा का प्रवाह बना रहता है और रोशनी भी पहुंचती है। जिसके कारण कोरोना को पनपने का मौका नहीं मिलता है। जबकि छोटे घरों में कोरोना को वहीं रह जाता है।

तीन नहीं 13 फीट की दूरी है जरूरी

वैज्ञानिकों ने कोरोना के शुरूआत में कहा था कि कोरोना 3 फीट की दूरी तक फैल सकता है लेकिन उसके बाद कहा गया कि कम से 6 से 8 फीट की दूरी तक फैल सकता है। जबकि अब वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना का असर 13 फीट की दूरी तक भी हो सकता है।