असल में राज्य में महागठबंधन कमजोर हो गया है। जिसके कारण कांग्रेस अन्य घटक दलों की सीटों पर दावा कर रही है। जबकि राजद कांग्रेस को उसकी हैसियत के आधार पर सीटें देना चाहती है। राजद का कहना है कि राज्य में कांग्रेस का जनाधार नहीं है और वह राजद की सहयोगी है।
नई दिल्ली। फिलहाल महागठबंधन के सहयोगी दल एक के बाद एक साथ छोड़ते जा रहे हैं और वहीं कांग्रेस और राजद के बीच राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है। इसके साथ ही जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशावाह के बाद सीपीआई माले ने भी अपने प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं। इसके अलावा जो खबरें आ रही हैं। उसके मुताबिक राज्य में कांग्रेस और राजद के बीच सीटों को लेकर तल्खी बढ़ती जा रही है। राजद ने कांग्रेस को ऑफर दिया है जो कांग्रेस को मंजूर नहीं है। वहीं कांग्रेस ने राजद को धमकी दी है कि अगर उसे सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो वह अलग राह पकड़ सकती है।
असल में राज्य में महागठबंधन कमजोर हो गया है। जिसके कारण कांग्रेस अन्य घटक दलों की सीटों पर दावा कर रही है। जबकि राजद कांग्रेस को उसकी हैसियत के आधार पर सीटें देना चाहती है। राजद का कहना है कि राज्य में कांग्रेस का जनाधार नहीं है और वह राजद की सहयोगी है। जबकि कांग्रेस का दावा है कि उसे पिछले विधानसभा के आधार पर सीटें मिलनी चाहिए। जबकि उसका प्रदर्शन लोगसभा में भी अच्छा रहा है और महागठबंधन से एक मात्र सीट कांग्रेस ने ही जीती थी। लिहाजा महागठबंधन में सीटों का बंटवारा बड़ा सिरदर्द बना हुआ है।
हालांकि राज्य में पहले चरण के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी हो गई है और कांग्रेस और राजद में सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है। इसको लेकर प्रत्याशी परेशान हैं। वहीं महागठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस और राजद का साथ छोड़ते जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस और राजद के बीच सीटों को लेकर तल्खी बढ़ गई है और राजद काऑफर कांग्रेस को मंजूर नहीं है। जिसके बाद पार्टी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने अलग राह पकड़ने तक की धमकी दे दी है। फिलहाल पार्टी आलाकमान ने सीटों के तालमेल और पार्टी के संभावित उम्मीदवारों को लेकर राज्य ईकाई के नेताओं के साथ चर्चा की।
वहीं कांग्रेस ने इस बार ज्यादा सीटों के साथ-साथ मनपंसद सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की है, जो राजद को मंजूर नहीं है। कांग्रेस को राजद ने 58 विधानसभा और वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट देने का प्रस्ताव दिया है। वहीं कांग्रेस राज्य में कम से कम 75 सीटों की मांग रही है और उसे इसके साथ ही मनपंसद सीटें भी चाहिए, जिसको लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव सहमत नहीं हो रहे हैं। गौरतलब है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 41 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसने 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जबकि राजद ने 101 पर चुनाव लड़ा और वह 80 सीटें जीतने में कामयाब रही।
Last Updated Oct 2, 2020, 11:45 AM IST