पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से गले लगना पूर्व क्रिकेटर, कांग्रेस नेता और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को भारी पड़ गया है। बिहार के मुजफ्फरपुर में सिद्धू के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। सिद्धू पर आईपीसी के तहत देशद्रोह की धाराएं 124ए, 153बी और 504  लगाई गई हैं। 

एक अधिवक्ता सुधीर ओझा ने सिद्धू के खिलाफ सीजेएम की अदालत में यह मुकदमा दर्ज कराया है। ओझा का आरोप है कि सिद्धू पाकिस्तान सेना प्रमुख से गले मिले और ऐसा करके उन्होंने देश और सेना का अपमान किया है। मामले की सुनवाई 24 अगस्त को होगी। 

सिद्धू इमरान खान के प्रधानमंत्री पद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पाकिस्तान गए थे। समारोह के दौरान सिद्धू पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा से गले मिले थे। यही नहीं कार्यक्रम के दौरान वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के राष्ट्रपति साथ बैठे थे। 

खास बात यह है कि सिद्धू पर भाजपा के साथ-साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा, रोज हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। कुछ महीने पहले ही मेरी रेजीमेंट के एक मेजर समेत तीन जवान शहीद हो गए। ये सब जिसके आदेश पर हो रहा है, उसे गले लगाने से पहले उन्हें सोचना चाहिए था। 

सिद्धू ने इस मामले पर तीखी आलोचना होने के बाद अपना बचाव किया था। उन्होंने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि अगर कोई मेरे पास आकर कहता है कि हमारी संस्कृति एक ही है। हम गुरु नानक के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर सीमा को खोलेंगे तो मैं क्या करता। मैं तो नफरत की आग को कम करने के लिए पाकिस्तान गया था। सिद्धू ने पीओके के राष्ट्रपति के पास बैठने पर भी सफाई दी। उन्‍होंने बताया, 'यदि आपको मेहमान के रूप में बुलाया जाता है तो जहां बैठने को कहा जाता है, आप वहीं बैठते हैं। मैं कहीं और बैठा था, लेकिन मुझे पीओके के राष्ट्रपति मसूद खान के पास बैठने को कहा गया।'