कांग्रेस नेता और अपने विवादित ट्वीट के लिए चर्चित शशि थरूर ने एक नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व की विचारधारा देश को बांट रही है।

कांग्रेस सांसद के इस विवादित ट्वीट का विरोध शुरू हो गया है। प्रयागराज में कुंभ में शामिल साधु संतों ने कांग्रेस से इस मामले में स्थिति साफ करने को कहा है। थरूर ने मोहम्मद जीशान नाम के एक शख्स के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व की विचारधारा देश को बांट रही है। देश को समानता नहीं एकता की जरूरत है।

एक दिन पहले भी उन्होंने प्रयागराज में चल रहे कुंभ में डुबकी को लेकर विवादित ट्वीट किया था। शशि थरूर ने अपने ट्विटर हैंडल से संगम में योगी सरकार के मंत्रियों की डुबकी की तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, 'गंगा भी स्वच्छ रखनी है और पाप भी यहीं धोने हैं। इस संगम में सब नंगे हैं। जय गंगा मैया की।' शशि थरूर की विवादित टिप्पणी के खिलाफ पटना के राजीव सिन्हा ने सीजेएम कोर्ट में केस दर्ज कराया  गया है और इसकी सुनवाई शुक्रवार को तय की गई है।

इससे पहले उन्होंने राम मंदिर पर भी बयान दिया था। चेन्नई में 'द हिंदू लिट फॉर लाइफ डायलॉग 2018' में कथित तौर पर उन्होंने कहा, 'कोई भी अच्छा हिंदू विवादित स्थान पर राम मंदिर नहीं चाहेगा। हिंदू अयोध्या को राम का जन्म स्थान मानते हैं इसलिए अच्छा हिंदू ढहाए गए पूजा स्थल पर राम मंदिर नहीं चाहेगा।'

बयान पर हंगामा खड़े होने के बाद थरूर ने सफाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, 'मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। मैंने सिर्फ इतना कहा था कि बहुत से हिंदू इसलिए वहां पर मंदिर चाहते हैं, क्योंकि वहां पर श्रीराम की जन्मभूमि है। लेकिन एक अच्छा हिंदू नहीं चाहेगा कि ऐसी जगह मंदिर बने जहां किसी और के धार्मिक स्थल को गिराया गया हो। उन्होंने यह भी कहा, 'यह मेरा व्यक्तिगत बयान था, मैं अपनी पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूं इसलिए मेरे बयान को पार्टी से ना जोड़ें।'

कांग्रेस सासंद शशि थरूर पीएम मोदी पर भी विवादित कमेंट करते रहे हैं। उन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि 'पीएम नरेंद्र मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं।' हालांकि उन्होंने यहां यह बात जोड़ी कि आरएसएस के एक सूत्र ने यह बात एक जर्नलिस्ट को कही थी।