ये नजारा फरीदाबाद बाईपास रोड का है जहां इन दिनों कावड़ियों का आवागमन लगा हुआ है इन्ही कावड़ियों में चार भाई ऐसे हैं जो बाबा भोले का अभिषेक करने के लिए गंगा से पवित्र जल लेकर नहीं आये बल्कि अपने माता पिता को ही गंगा स्नान कराकर लाये है। हालांकि, श्रवण बने इन भाइयों के माता-पिता हरिद्वार तक आने-जाने में असमर्थ नहीं है। चल-फिर भी सकते है लेकिन इन लोगों का उद्देश्य महज इतना है की लोगों में मां-बाप के प्रति आदर का भाव जगे। कई बार तो ऐसे मामले सामने आते है जिनमे लोग अपने माता-पिता को दरकिनार तक कर देते है। ऐसे में इन लोगों का उद्देश्य मात्र ये है की उन्हें देखकर लोगों में कुछ जागरूकता आ सके और वे अपने माता-पिता को पूरा मान-सम्मान दे सकें। 


इन्हीं में से एक बेटे की माने तो उन्होंने अपने ही पड़ोस में रहने वाले कुछ बूढ़े माता-पिता की दुर्दशा को देखकर ही मन बनाया की कुछ ऐसा किया जाए जिसे देखकर लोगों में माता पिता के प्रति आदर-भाव जाग सके। वो कहते हैं कि पिछले साल भी वे पालकी में बैठाकर अपने मां-बाप को गंगा स्नान कराकर लाये थे लेकिन इस बार उन्हें कई लोग ऐसे मिले जो अपने माता-पिता को पालकी से कांधों पर गंगा स्नान कराकर लाये है। उनका कहना है की ऐसा करने से लोगों में मां-बाप के प्रति आदर-भाव जरूर जागेगा।


अपने बेटों के कारनामे से गदगद माता-पिता कहते हैं कि आज के बच्चे जहां अपने माता-पिता को खाना-पानी देने में भी आना-कानी करते है वहीं उनके बेटे ऐसे बच्चों के लिए उदारहरण बन रहे है। ये उनके लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा की वे भोले नाथ से प्रार्थना करते है की हमारे जैसे बच्चे सभी माता पिता को मिलें।