नई दिल्ली। देश के अधिकांश राज्यों में जहां कोरोना का कहर है। वहीं पर्वतीय राज्य सिक्किम में कोरोना का संक्रमण शून्य है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने फैसला किया है कि वह अक्टूबर के बाद ही किसी पर्यटक को राज्य में प्रवेश की अनुमति देगा।  कल ही सिक्किम ने कैलाश मानसरोवर को स्थगित करने का फैसला किया था। 

सिक्किम ने अब तक कोरोनावायरस के मामले शून्य हैं। लेकिन इसके बावजूद  सिक्किम सरकार ने अक्टूबर तक पर्यटकों को आने से रोकने के लिए अपनी सीमाओं को बंद करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने कहा कि लगभग सात लाख की आबादी वाले छोटे हिमालयी राज्य में वायरस को प्रवेश से रोकने के लिए यह एक एहतियाती उपाय है।

सिक्किम एकमात्र भारतीय राज्य है जिसने अब तक कोविद -19  का मामला सामने  नहीं आया है। यहीं नहीं नागालैंड, जिसने शुरू में एक मामला दर्ज किया था वहां पर भी अब मामला शून्य है। हालांकि कोरोना संक्रमित व्यक्ति असम से नागालैंड चला गया था, जिसके बाद राज्य में एकमात्र मामला कोरोना का दर्ज किया गया था। राज्य से कोविद -19 के टेस्ट के लिए केवल 81 नमूने भेजे गए थे हैं। लेकिन सभी का परिणाम नेगेटिव आए हैं।

सिक्किम के गवर्नर गंगा प्रसाद ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा कि सिक्किम में अक्टूबर तक सभी पर्यटक गतिविधियों को बंद कर दिया गया है। राज् के सात लाख लोगों के हित में यह निर्णय लिया गया है। राज्य में कई प्रवासी श्रमिक हैं और उनका ख्याल रखा जा रहा है। राज्य सरकार उन्हें खाना मुहैया कराने के साथ ही भुगतान करना।  "

उन्होंने कहा कि कहा सिक्किम के कई छात्र चीन में पढ़ रहे थे। वे सभी जनवरी में ही वापस आ गए थे। इसके बाद, हमने अपना काम बंद कर दिया। सीमा में किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई। यहां तक ​​कि तालाबंदी को 17 मार्च से आगे बढ़ा दिया गया। राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है।

गौरतलब है कि गुरुवार को ही सिक्किम सरकार ने मानसरोवर यात्रा को स्थगित करने का फैसला किया था। कोरोना संक्रमण के कारण राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा दो जगहों से होती है। उत्तराखंड के और सिक्किम से ये यात्रा हर साल होती है और हजारों की संख्या में लोग इसमें हिस्सा लेते हैं।  कैलाश मानसरोवर तिब्बत में स्थित है और सिक्किम से ये यात्रा उत्तराखंड की तुलना में आसान होती है।