कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक हरियाणा का फतेहाबाद पराली जलाने में नंबर 1 है जबकि दूसरे नंबर पर कैथल में किसान पराली को आग लगा रहे है। फतेहाबाद में 25 सितंबर से 5 नवम्बर पराली जलाने के 1306 केस सामने आए है।
फतेहाबाद/नई दिल्ली- सरकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक और प्रशासन से लेकर एनजीटी तक सभी हरियाणा मे पराली जलाने पर रोक लगाने के प्रयाास कर रहे है, बावजूद इसके किसानों द्वारा पराली जलाने का सिलसिला जारी है। हरियाणा के तमाम जिलों में किसान लगातार पराली जला रहे है।
कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक हरियाणा का फतेहाबाद पराली जलाने में नंबर 1 है जबकि दूसरे नंबर पर कैथल में किसान पराली को आग लगा रहे है। फतेहाबाद में 25 सितंबर से 5 नवम्बर पराली जलाने के 1306 केस सामने आए है वहीं कैथल में 1190 पराली जलाने के केस आए है।
कृषि विभाग द्वारा जारी किया गया आंकड़ा
किसान द्वाारा पराली जलाने से वायु प्रदूशण हो रहा है और लोगो को आंखों मे जलन व खांसी की शिकायत के मामले भी सामने आ रहे है। किसान पराली में आग लगा रहे है वैसे ही मौसम में भी परिवर्तन आ रहा है। फतेहाबाद जिला पूरी तरह से स्मॉग की चपेट में है। सूर्य अस्त से पूर्व ही शाम हो जाती है। रात होते होते पूरे क्षेत्र में धुआं छा जाता है, जिससे हादसा होने के साथ साथ सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है।
कृषि विभाग के उपनिदेशक बलवंत सहारण ने बताया कि "पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन की और से किसानों को पराली में आग लगाने से रोका जा रहा है।"
गांवों में वैन के जरिए प्रचार किया जा रहा है और किसानों को पराली न जलाने पर जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि "पराली जलाने वालों पर अब तक विभाग की और से 210 किसानों को नोटिस जारी कर दिया गया है जिसमें साढ़े सात लाख रूपये जुर्माना बनता है। इस बाबत दस हजार रूपये रिकवर भी हो चुके है।"
(फतेहाबाद से जितेंद्र मोंगा के इनपुट के साथ)
Last Updated Nov 6, 2018, 6:38 PM IST